Sickle Cell anemia: कारण, लक्षण और इलाज की पूरी जानकारी
इस लेख में हम इस बीमारी के लक्षण, कारण, निदान, उपचार के साथ-साथ सरकारी योजनाओं और प्रयासों पर भी चर्चा करेंगे।
सिकल सेल एनीमिया एक आनुवांशिक (जेनेटिक) बीमारी है, यानी माता-पिता से बच्चों में आनुवंशिक रूप से आता है। अगर दोनों माता-पिता में यह दोषपूर्ण जीन मौजूद हो, तो बच्चे में इस बीमारी के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।
इसमें लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) का आकार असामान्य(डिस्क के आकार से बदलकर “हंसिए” के आकार) हो जाता है। इस बीमारी के कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे थकान, दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
इसलिए इसके बढ़ते फेलाओ के कारण समाज में जागरूकता की भी अत्यधिक आवश्यकता है। हम सरल भाषा में जानेंगे कि Sickle Cell anemia के कारण क्या होते हैं, इसके लक्षण कैसे पहचानें, और उपचार के लिए क्या-क्या विकल्प उपलब्ध हैं।
सिकल सेल एनीमिया क्या है?
सिकल सेल एनीमिया एक आनुवांशिक रोग है, जो क्रोमोजोम नंबर 11 में उत्पन्न परिवर्तन (म्यूटेशन) के कारण होता है। सामान्य RBCs गोलाकार होती हैं और शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती हैं। लेकिन इस रोग में RBCs का आकार बदल जाता है और ये सिकल (हंसिया) जैसे हो जाते हैं, जिससे उनकी ऑक्सीजन वहन क्षमता कम हो जाती है।
- सिकल सेल एनीमिया एक रक्त विकार है जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण को प्रभावित करता है।
- हीमोग्लोबिन जीन में आनुवंशिक परिवर्तन सिकल सेल एनीमिया का कारण बनते हैं।
- लाल रक्त कोशिकाएं सामान्य बाइकोनकेव आकार से असामान्य हंस के आकार में बदल जाती हैं।
- इस आकार परिवर्तन से रक्त वाहिकाओं में ऑक्सीजन परिवहन की क्षमता प्रभावित होती है।
- सिकल आकार की कोशिकाएं ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता में कमी और रक्त वाहिकाओं में कठोर और चिपचिपी गति का अनुभव करती हैं।
इस बीमारी का कारण एक विशेष प्रकार के हीमोग्लोबिन का उत्पादन है जिसे सिकल हीमोग्लोबिन कहते हैं। यह हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं को सिकल आकार में बदल देता है, जिससे उनकी आयु घट जाती है और रक्त वाहिकाओं में रुकावटें पैदा होती हैं। इससे शरीर के विभिन्न अंगों को ऑक्सीजन की कमी महसूस होने लगती है, जिससे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
सिकल सेल एनीमिया के कारण
- सिकल सेल एनीमिया का कारण व्यक्तियों में आनुवंशिक परिवर्तन है।
- यह परिवर्तन बीटा-हीमोग्लोबिन श्रृंखला के कोडिंग अनुक्रम पर होता है, जो गुणसूत्र 11 की छोटी भुजा में स्थित है।
- जेनेटिक म्यूटेशन:
- माता-पिता के जीन में म्यूटेशन होने से बच्चों में यह बीमारी विरासत में मिलती है।
- उन माता-पिता के लिए, जो सिकल सेल जीन के कैरीयर हैं, सिकल सेल रोग से प्रभावित बच्चे के होने की 1 में से 4. या 25% संभावना होती है।
- एक व्यक्ति सिकल सेल रोग के साथ तभी पैदा होगा जब दो जीन विरासत में मिलें एक माता से और एक पिता से।
- जेनेटिक स्क्रीनिंग की आवश्यकता:
- प्रेग्नेंसी के दौरान अनुवांशिक जांच (Genetic Screening) से यह पता लगाया जा सकता है कि बच्चा इस रोग से प्रभावित होगा या नहीं।
सिकल सेल एनीमिया के लक्षण
यह रोग बचपन से ही दिखाई देने लगता है और इसके कई लक्षण हो सकते हैं:
स्प्लेनोमेगली (स्प्लीनेमेगाली) यह प्लीहा में लाल रक्त कोशिकाओं के जमा होने और अवरोधित कैपिलरी के कारण होती है।
- लगातार थकान (Fatigue) और कमजोरी
- चेस्ट पेन और फेफड़ों से संबंधित समस्याएं
- शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द (खासकर जोड़ों और हड्डियों में)
- बार-बार बुखार और संक्रमण का खतरा
- जॉन्डिस (पीलिया): आंखों में पीलापन (पीलिया के लक्षण)
- सूजन (विशेष रूप से हाथों और पैरों में)
- सांस लेने में कठिनाई: श्वसन संबंधी समस्याएं
- तेज हृदय गति( हाई ब्लड प्रेशर)
- हड्डियों और जोड़ों में दर्द
Sickle Cell Anemia: निदान के लिए तकनीकें
- हाई परफॉर्मेंस लिक्विड क्रोमेटोग्राफी (HPLC)
- हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस
- आइसोइलेक्ट्रिक फोकसिंग
- जेनेटिक स्क्रीनिंग: माता-पिता या भ्रूण में जेनेटिक म्यूटेशन की जांच।
Treatment for Sickle Cell Anemia: इलाज
सिकल सेल एनीमिया का पूरी तरह इलाज फिलहाल उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ उपचार और देखभाल के तरीके इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं:
- दवाइयां:
- हाइड्रोक्सीयूरिया (Hydroxyurea) दवा से कोशिकाओं की सिकलिंग कम हो सकती है।
- दर्द और इंफेक्शन से बचने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक्स और दर्दनिवारक दवाएं दे सकते हैं।
- ब्लड ट्रांसफ्यूजन (Blood Transfusion):
- जरूरत पड़ने पर नियमित रक्त चढ़ाने से ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर होती है और लक्षणों में सुधार आता है।
- हड्डी मज्जा प्रत्यारोपण (Bone Marrow Transplant):
- CRISPR-Cas9 और हड्डी के मज्जा प्रत्यारोपण: गंभीर मामलों में यह इलाज प्रभावी साबित हो सकता है, लेकिन इसके लिए सही डोनर का मिलना जरूरी है।
- जीवनशैली में सुधार:
- ज्यादा पानी पिएं ताकि शरीर में डिहाइड्रेशन न हो।
- संक्रमण से बचने के लिए नियमित टीकाकरण कराएं।
- नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाते रहें।
सरकारी प्रयास और जागरूकता अभियान
सरकार द्वारा भी इस बीमारी को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं और निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जिनका लाभ उठाकर लोग इस रोग से जुड़ी जानकारी और उपचार प्राप्त कर सकते हैं।
- वर्ल्ड सिकल सेल डे:
- GASCDO (ग्लोबल अलायंस ऑफ सिकल सेल डिजीज ऑर्गनाइजेशंस) ने 19 जून को प्रत्येक वर्ष विश्व सिकल सेल दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य जागरूकता फैलाना है।
- 2024 की थीम थी “Uniting for World Sickle Cell Awareness Day”।
- नेशनल सिकल सेल एनीमिया एलिमिनेशन मिशन:
- 1 जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से इस मिशन की शुरुआत की।
- राष्ट्रीय लक्ष्य: 2047 तक देश को सिकल सेल एनीमिया मुक्त बनाना।
- 7 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग: अगले 3 वर्षों में 3-40 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की जांच की जाएगी।
- प्रधानमंत्री ने लगभग 3.57 करोड़ आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) कार्ड का वितरण शुरू किया।
- प्रधानमंत्री द्वारा लाभार्थियों को सिकल सेल अनुवांशिक स्थिति कार्ड भी वितरित किए जाएंगे।
निष्कर्ष: Sickle Cell Anemia
सिकल सेल एनीमिया एक गंभीर अनुवांशिक विकार है, सही समय पर निदान और उचित इलाज से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। सरकारी प्रयास और जागरूकता अभियान इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यदि समय रहते सही उपचार और जागरूकता बढ़ाई जाए, तो इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सकता है।
2047 तक भारत को सिकल सेल एनीमिया मुक्त बनाने का मिशन एक बड़ा कदम है, और इसके लिए समाज के हर व्यक्ति का योगदान आवश्यक है।
जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक करें! जानकारी ही बचाव है