पर्याप्त मात्रा में तरल पेय पदार्थ जैसे छाछ, लस्सी, नमक-चीनी का घोल, नींबू का पानी एवं आम के पने का सेवन करें। प्यास की इच्छा न होने पर भी बार-बार पानी पीएं।
निर्जलीकरण से बचने के लिए ORS घोल का सेवन करें। • यात्रा करते समय पानी हमेशा साथ में रखें। • संतुलित हल्का व नियमित भोजन करें।
• खाना बनाते समय खिड़की-दरवाजे एवं रात को खिड़कियां खुली रखें। • जिन खिड़कियों और दरवाजों से गर्म हवा आती है, उन पर रिफ्लेक्टर जैसे - एल्युमिनियम, पन्त्री, गत्ते या काले पर्दे लगाएं।
वृद्धों, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखें। अधिक परिश्रम के बीच में आराम भी करें।
• लू लगने के लक्षणों को पहचानें। यदि कमजोरी लगे, सिरदर्द हो, उल्टी महसूस हो, मांसपेशियों में ऐंठन हो और चक्कर आए, तो तुरन्त डॉक्टर को दिखाएं। • लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपड़ों से पोछें अथवा नहलाएं या शरीर के ऊपर पानी का स्प्रे करें। आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें।