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Uttar Pradesh State Symbols: उत्तर प्रदेश के राज्य प्रतीक

Uttar Pradesh State Symbols: उत्तर प्रदेश के राज्य प्रतीक

प्रस्तावना

उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जिसकी समृद्ध संस्कृति, इतिहास और विरासत ने इसे देश के दिल का दर्जा दिया है। इस विशाल राज्य की पहचान को और भी उज्ज्वल बनाने के लिए कुछ विशिष्ट प्रतीक चुने गए हैं, जो राज्य की आत्मा को दर्शाते हैं। इन प्रतीकों में राज्य पशु, पक्षी, वृक्ष, पुष्प, नृत्य, खेल और प्रतीक चिन्ह शामिल हैं। आइए, इन प्रतीकों के माध्यम से उत्तर प्रदेश की गौरवशाली यात्रा पर निकलें।

उत्तर प्रदेष के प्रतीक चिह्न: Uttar Pradesh State Symbols List

उत्तर प्रदेश के राज्य प्रतीक के बारे में रोचक तथ्य जानें। इन प्रतीकों के पीछे की कहानियां आपको हैरान कर देंगी। उत्तर प्रदेश के राज्य पशु, पक्षी, वृक्ष और पुष्प की खूबसूरती को देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे।

क्र.सं.राजकीय प्रतीकहिन्दी नामअंग्रेजी नामवैज्ञानिक नाममहत्व/विशेषता
1राज्य पशुबारहसिंगाSwamp DeerRucervus duvauceliiदुर्लभ प्रजाति, दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में पाया जाता है।
2राज्य पक्षीसारस (क्रेन)CraneGrus Antigoneभारत का सबसे ऊंचा उड़ने वाला पक्षी।
3राज्य पुष्पपलाशFlame of the ForestButea monospermaवसंत ऋतु में खिलने वाले चमकीले लाल फूल।
4राज्य वृक्षअशोकAshokaSaraca asocaशांति और समृद्धि का प्रतीक।
5राज्य खेलहॉकीHockey-ध्यानचंद जैसे महान खिलाड़ियों का खेल।
6राज्य चिन्हमछलियां और धनुष--गंगा-यमुना का संगम और समृद्धि का प्रतीक।
7राज्य नृत्यकथकKathak-भारतीय शास्त्रीय नृत्य की अद्भुत शैली।

उत्तर प्रदेष का राजकीय पशुः बारहसिंगा

उत्तर प्रदेश के घने जंगलों में पाया जाने वाला बारहसिंघा, राज्य का गौरव है। यह दुर्लभ प्रजाति का हिरण है, जिसकी सुंदरता और शालीनता ने सभी को मोहित किया है। बारहसिंघा, राज्य के जैव-विविधता और प्राकृतिक संसाधनों की समृद्धि का प्रतीक है। इसके संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं।

  • अंग्रेजी नाम : Swamp Deer (स्वैम्प डियर)
  • हिन्दी नाम : बारहसिंघा (Barasingha)
  • वैज्ञानिक नाम : रूसरवस डुवाओसेली (Rucervus duvaucelii)
  • भारत में पाए जाने वाले हिरणों की सबसे बड़ी प्रजाति है।
  • दुर्लभ वन्यजीव होने के कारण इसे संकटग्रस्त सूची में रंखा गया है।
  • बारहसिंगा प्रदेष के दुधवा राष्ट्रीय उद्यान व हस्तिनापुर प्रभयारण्य में पाया जाता हैं।

उत्तर प्रदेष का राजकीय पक्षीः सारस, क्रेन(Crane)

आकाश का राजा कहे जाने वाले सारस क्रेन को उत्तर प्रदेश का राज्य पक्षी चुना गया है। यह विशालकाय पक्षी अपनी सुंदरता और नृत्य कौशल के लिए जाना जाता है। सारस, जोड़े की निष्ठा का प्रतीक है, उत्तर प्रदेश की संस्कृति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

उत्तर प्रदेष का राजकीय पशुः बारहसिंगा
उत्तर प्रदेष का राजकीय पशुः बारहसिंगा
  • अंग्रेजी नाम : सारस, क्रेन(Crane)
  • हिन्दी नाम : सारस, क्रौंच
  • वैज्ञानिक नाम : ग्रूस एंटीगोन(Grus Antigone)
  • भारत का सबसे ऊंचा उड़ने वाला पक्षी है।
  • वर्तमान में सारस (अंग्रेजी केन) उत्तर प्रदेष के अलावा अजरात, मध्य प्रदेष, बिहार एवं राजस्थान आदि राज्यो में पाया
  • जीवनभर के लिए साथी चुनते हैं।
  • IUCN द्वारा संकटग्रस्त के रूप में वर्गीकृत।
  • ये सींग सालाना झड़ते हैं और फिर से उगते हैं, 5-6 साल की उम्र में ये अपना पूरा आकार प्राप्त कर लेते हैं।

उत्तर प्रदेष का राजकीय पुष्पः पलास

उत्तर प्रदेश की धरती पर खिले हुए पलाश के सुनहरे फूलों ने इसे राज्य का वृक्ष और पुष्प का दर्जा दिया है। बसंत ऋतु में खिलने वाला यह पेड़ अपनी मनमोहक सुंदरता से सभी को आकर्षित करता है। पलाश, भारतीय संस्कृति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है और कई धार्मिक आयोजनों में इसका प्रयोग किया जाता है।

उत्तर प्रदेष का राजकीय पुष्पः पलास
उत्तर प्रदेष का राजकीय पुष्पः पलास
  • अंग्रेजी नाम :  flame of the forest (फ्लेम ऑफ़ द फॉरेस्ट)
  • हिन्दी नाम : पलास,छूल,परसा, ढाक, टेसू, किंशुक, केसू
  • वैज्ञानिक नाम : ब्यूटिया मोनोस्पर्मा (Butea monosperma)
  • ढाक या जंगल की लौ के नाम से भी जाना जाता है।
  • वसंत ऋतु में खिलने वाले चमकीले लाल फूल।
  • औषधीय गुणों से भरपूर।
  • हिंदू त्योहार होली से जुड़ा है।

उत्तर प्रदेष का राजकीय वृक्षः अशोक

अशोक वृक्ष को शांति, समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी है। कई मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर इसे पूजनीय वृक्ष के रूप में देखा जाता है।

उत्तर प्रदेष का राजकीय वृक्षः अशोक
उत्तर प्रदेष का राजकीय वृक्षः अशोक
  • अंग्रेजी नाम : अशोक (Saraca asoca)
  • हिन्दी नाम : अशोक
  • स्थानीय नाम : सीता अशोक
  • वैज्ञानिक नाम : सराका असोका

उत्तर प्रदेष का राजकीय खेल:- हॉकी

भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी, उत्तर प्रदेश का भी राज्य खेल है। इस खेल में राज्य के खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया है। हॉकी, टीम स्पिरिट, अनुशासन और खेल भावना का प्रतीक है। राज्य में हॉकी के विकास के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेष का राजकीय खेल:- हॉकी
उत्तर प्रदेष का राजकीय खेल:- हॉकी
  • हॉकी को 19वीं शताब्दी में अंग्रेजों द्वारा भारत में लाया गया था और यह जल्दी ही लोकप्रिय हो गया।
  • उत्तर प्रदेश ने कई हॉकी दिग्गज पैदा किए हैं, जिनमें ध्यान चंद ( जिन्हें अब तक का सबसे महान हॉकी खिलाड़ी माना जाता है

उत्तर प्रदेष का: राजकीय चिन्ह

उत्तर प्रदेश का राज्य प्रतीक चिन्ह गंगा और यमुना नदियों के संगम, दो मछलियों और एक धनुष को दर्शाता है। गंगा और यमुना भारत की पवित्र नदियां हैं, जिनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। मछलियां समृद्धि और उन्नति का प्रतीक हैं, जबकि धनुष शक्ति और साहस का प्रतिनिधित्व करता है।

उत्तर प्रदेष का: राजकीय चिन्ह
उत्तर प्रदेष का: राजकीय चिन्ह
  • इस चिन्ह में एक वृत्त में ऊपर धनुष, बीच में बहती गंगा-यमुना नदियां और नीचे दायें-बायें दो मछलियाँ हैं
  • यह चिन्ह 1938 में स्वीकृत किया गया था, इसमें एक वृत्त में 2 मछली, 1 तीन-धनुष हैं।

उत्तर प्रदेष का राज्य नृत्य: कथक

उत्तर प्रदेश की कला और संस्कृति का गौरव बढ़ाने वाला कथक नृत्य, राज्य का प्रमुख नृत्य है। इसकी लयबद्धता, भावनात्मक गहराई और सुंदरता ने इसे विश्व भर में पहचान दिलाई है। कथक नृत्य, भारतीय शास्त्रीय संगीत की धुनों पर आधारित है और इसमें शरीर के विभिन्न अंगों का सुंदर प्रयोग किया जाता है।

  • उत्तर प्रदेश की उत्पत्ति।
  • जटिल फुटवर्क, हस्त मुद्राएं और अभिव्यंजक चेहरे के भाव।
  • चार प्रमुख घराने: लखनऊ, जयपुर, बनारस, पंजाब।
  • प्रसिद्ध कथक नर्तक: बिरजू महाराज, सीतारा देवी, शांता राव।

निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के राज्य प्रतीक

उत्तर प्रदेश के राज्य प्रतीक राज्य की समृद्ध संस्कृति और विरासत का प्रतीक हैं। इन प्रतीकों को जानने से हमें राज्य के बारे में अधिक जानकारी मिलती है और हमारी राज्य के प्रति गर्व की भावना बढ़ती है।

उत्तर प्रदेश के राज्य प्रतीक इस राज्य की सांस्कृतिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक संपदा का प्रतिबिंब हैं। ये प्रतीक राज्य के गौरव, परंपरा और विविधता को दर्शाते हैं। इन्हें जानने से हमें न केवल अपने राज्य के प्रति गर्व होता है, बल्कि हमारी जड़ों से जुड़ने का अवसर भी मिलता है।

अपने विचार और सवाल नीचे कमेंट करें। इस लेख को दूसरों के साथ साझा करें और अपने राज्य की अनमोल धरोहर पर गर्व करें!

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