क्या भारत अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को खो रहा है? एक विश्लेषण
हाल ही में सिक्किम से एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें विदेशी पर्यटक कचरा साफ कर रहे थे, जिसके साथ एक राजनीतिक टिप्पणी भी जुड़ी हुई थी। यह घटना भारत में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालती है। इंटरनेट पर ऐसे कई और वीडियो मौजूद हैं जहाँ विदेशी पर्यटकों ने सुरक्षा उल्लंघन और पीछा किए जाने जैसी घटनाओं का अनुभव किया है, जिससे वे और उनके देश शर्मिंदा हुए हैं। इस नकारात्मक प्रचार के कारण भारतीय पर्यटन एक कठिन दौर से गुजर रहा है, जो इस सप्ताह सुर्खियों में रहा।
आर्थिक रूप से हम भले ही कमजोर हों, लेकिन भारत एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध देश है, लेकिन बावजूद इसके भारतीय पर्यटन उद्योग पिछले कुछ वर्षों से गिरावट का सामना कर रहा है। व्यावहारिक रूप से किसी भी पर्यटन स्थल पर यह देखा जा सकता है कि विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। भीड़ तो है, लोग आ रहे हैं, लेकिन विदेशी पर्यटक नहीं दिख रहे।
Travel & Tourism Development Index 2024 के अनुसार, भारत की रैंकिंग निरंतर घटती जा रही है। विदेशी पर्यटकों की संख्या कम होने के कई कारण हैं, जिन्हें समझना आवश्यक है।
Sorce: Deccanherald, weforum
अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन के आंकड़े: एक तुलनात्मक अध्ययन
भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या में कितनी कमी आई है, इसे समझने के लिए कुछ तुलनात्मक आंकड़े प्रस्तुत हैं:
- दुबई (एक शहर) में सालाना 1.5 करोड़ पर्यटक आते हैं, जबकि पूरे भारत में मात्र 1 करोड़।
- फ्रांस जैसे छोटे देश में 10 करोड़ पर्यटक हर साल आते हैं, जबकि भारत अगले 20 वर्षों में भी यह संख्या नहीं छू पाएगा।
- 2019 में भारत में सबसे अधिक विदेशी पर्यटक आए थे, लेकिन उसके बाद से यह संख्या लगातार घट रही है।
100 मिलियन टूरिस्ट का सपना: क्या भारत कर पाएगा पूरा?
भारत का लक्ष्य अगले 20 वर्षों में इस आंकड़े तक पहुंचना है, लेकिन वर्तमान रुझानों को देखते हुए यह मुश्किल लगता है। भारत में सबसे अधिक पर्यटक 2019 में आए थे, जिसके बाद से यह संख्या लगातार घट रही है।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (IATO) ने भारत के सबसे बड़े प्रभावशाली व्यक्तियों को इस संबंध में पत्र भी लिखा है। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन में गिरावट आई है, जबकि घरेलू पर्यटन में वृद्धि हुई है।
लेकिन विदेशी पर्यटक (foreign tourists) कम हैं। 2019 में 10.93 मिलियन आए थे, पर 2023 में सिर्फ 9.23 मिलियन। 2024 के बीच तक 4.78 मिलियन आए, जो 2019 से कम है।

घरेलू पर्यटन में वृद्धि: एक विरोधाभास
घरेलू पर्यटन में वृद्धि के कई उदाहरण हैं, जैसे:
- अयोध्या: राम मंदिर के उद्घाटन के बाद भारी संख्या में पर्यटकों के आने से इस शहर ने 400 करोड़ रुपये का कर भुगतान किया।
- प्रयागराज महाकुंभ: करोड़ों लोग यहाँ आए, लेकिन इनमें विदेशी पर्यटकों की संख्या नगण्य थी।
- गोवा: गोवा में पर्यटक आ रहे हैं, लेकिन उनमें घरेलू पर्यटकों की संख्या अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों से कहीं अधिक है।
यह स्पष्ट है कि लोग भारत में यात्रा कर रहे हैं, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की रुचि कम हो रही है।
विदेशी पर्यटक भारत क्यों नहीं आ रहे?
1. खराब स्वच्छता और नागरिक चेतना की कमी
भारत में कई ऐतिहासिक स्थल गंदगी से भरे पड़े हैं। विदेशी पर्यटक सफाई पसंद करते हैं, लेकिन जब उन्हें कचरा दिखता है तो वे भारत आने से कतराते हैं। हाल ही में सिक्किम में विदेशी पर्यटकों द्वारा सफाई करते हुए वीडियो वायरल हुआ, जिससे भारत की छवि को नुकसान पहुंचा।
2. सुरक्षा की चिंता – विशेषकर महिलाओं के लिए
- महिला पर्यटकों के साथ छेड़छाड़ के कई मामले सामने आए हैं, जिससे भारत की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब हो रही है।
- विदेशी महिलाओं के साथ गलत तरीके से सेल्फी लेने और अनुचित व्यवहार की घटनाएं टूरिज्म को प्रभावित कर रही हैं।
- सुरक्षा मानकों की कमी के कारण कई विदेशी भारत आने से डरते हैं।
3. महंगा और खराब सेवा स्तर
लक्षद्वीप और अंडमान का हाल –
- मोदी जी ने 2023 में लक्षद्वीप घूमकर इसे बढ़ावा देना चाहा, पर वहां कनेक्टिविटी और रहने की जगह कम है। सिर्फ 400 पर्यटक रोज रुक सकते हैं।
- अंडमान में भी सालाना 5-6 लाख लोग आते हैं, जिसमें 10% विदेशी हैं। मलेशिया इससे कहीं आगे है।
4. गलत मार्केटिंग रणनीति
- भारत अपनी पूरी संस्कृति और विविधता को नहीं बेचता, बल्कि सिर्फ दिल्ली, आगरा और कुछ चुनिंदा स्थानों को ही प्रमोट करता है।
- भारत के पास गोवा, केरल, लद्दाख, नॉर्थ ईस्ट जैसी खूबसूरत जगहें हैं, लेकिन उनकी मार्केटिंग सही से नहीं की जाती।
- भारत ने अपनी ग्लोबल मार्केटिंग बजट में 97% की कटौती की है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहचान कमजोर हो रही है।
5. पर्यटन बढ़ाने के कदम
- टूरिज्म मिनिस्ट्री रेटिंग, लोन और MICE टूरिज्म (मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंस, एग्जिबिशन) पर काम कर रही है। ये 2029 तक 6% बढ़ेगा।
- यूजर ने ट्रैवलर मोहित जैसे इन्फ्लुएंसर्स को फॉलो करने की सलाह दी, जो भारत का असली रूप दिखाते हैं।
2024 यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक: भारत की स्थिति
यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक क्या है?
विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा जारी 2024 Travel & Tourism Development Index में भारत का स्कोर 4.25 रहा। भारत ने प्राकृतिक संसाधनों में 6वां, सांस्कृतिक संसाधनों में 9वां स्थान प्राप्त किया, लेकिन कुल मिलाकर पर्यटन की दृष्टि से यह पर्याप्त नहीं है।
यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक 17 स्तंभों और 102 व्यक्तिगत संकेतकों के आधार पर किसी देश को स्कोर प्रदान करता है। अधिकतम अंक 7 है, जबकि न्यूनतम अंक 1 है।
शीर्ष पांच देश (स्कोर के साथ):
- 🇺🇸 संयुक्त राज्य अमेरिका – स्कोर 5.24
- 🇪🇸 स्पेन – स्कोर 5.18
- 🇯🇵 जापान – स्कोर 5.09
- 🇫🇷 फ्रांस – स्कोर 5.07
- 🇦🇺 ऑस्ट्रेलिया – स्कोर 5.00
निचले क्रम के देश (स्कोर के साथ):
- 119वां स्थान: माली – स्कोर 2.78
- 118वां स्थान: सिएरा लियोन – स्कोर 2.9
Travel & Tourism Development Index Countries List:-
यह तालिका Travel & Tourism Development Index 2024 पर आधारित है, जिसमें देशों को पर्यटन के लिए अनुकूल परिस्थितियों के आधार पर रैंक किया गया है। तालिका में निम्नलिखित कॉलम शामिल हैं:
- रैंक: देश की रैंकिंग।
- देश का नाम: हिंदी में देश का नाम।
- स्कोर: देश का स्कोर।
- रैंक परिवर्तन: पिछले साल के मुकाबले रैंक में परिवर्तन।
- प्रतिशत परिवर्तन: स्कोर में प्रतिशत परिवर्तन।
- समग्र प्रदर्शन: समग्र प्रदर्शन का प्रतिशत।
रैंक | देश का नाम | स्कोर | रैंक परिवर्तन | प्रतिशत परिवर्तन | समग्र प्रदर्शन |
---|---|---|---|---|---|
1 | संयुक्त राज्य अमेरिका | 5.24 | 0 | -0.5% | 32.3% |
2 | स्पेन | 5.18 | 0 | 0.9% | 30.6% |
3 | जापान | 5.09 | 0 | -0.3% | 28.5% |
4 | फ्रांस | 5.07 | 2 | 0.8% | 28.0% |
5 | ऑस्ट्रेलिया | 5.00 | 2 | 0.8% | 26.0% |
6 | जर्मनी | 5.00 | -1 | -0.8% | 26.0% |
7 | यूनाइटेड किंगडम | 4.96 | -3 | -2.4% | 25.2% |
8 | चीन | 4.94 | 1 | 1.0% | 24.6% |
9 | इटली | 4.90 | 3 | 2.1% | 23.5% |
10 | स्विट्जरलैंड | 4.81 | -2 | -2.3% | 21.3% |
11 | कनाडा | 4.81 | -1 | -1.1% | 21.2% |
12 | पुर्तगाल | 4.78 | 1 | -0.1% | 20.6% |
13 | सिंगापुर | 4.76 | -2 | -1.7% | 19.9% |
14 | दक्षिण कोरिया | 4.74 | 0 | 1.1% | 19.6% |
15 | ऑस्ट्रिया | 4.65 | 0 | -0.5% | 17.4% |
16 | नीदरलैंड | 4.64 | 1 | 0.1% | 17.0% |
17 | डेनमार्क | 4.63 | -1 | -0.9% | 16.8% |
18 | संयुक्त अरब अमीरात | 4.62 | 7 | 4.4% | 16.5% |
19 | स्वीडन | 4.57 | 0 | 0.7% | 15.4% |
20 | फिनलैंड | 4.52 | -2 | -1.7% | 14.0% |
21 | यूनान | 4.52 | 5 | 2.6% | 13.9% |
22 | इंडोनेशिया | 4.46 | 14 | 4.5% | 12.4% |
23 | बेल्जियम | 4.45 | 0 | -0.5% | 12.2% |
24 | आयरलैंड | 4.44 | -3 | -1.5% | 12.0% |
25 | न्यूज़ीलैंड | 4.41 | -5 | -2.6% | 11.3% |
26 | ब्राज़ील | 4.41 | 8 | 3.3% | 11.2% |
27 | पोलैंड | 4.40 | 3 | 2.0% | 11.1% |
28 | लक्ज़मबर्ग | 4.40 | -4 | -0.9% | 10.9% |
29 | तुर्की | 4.39 | 8 | 3.1% | 10.6% |
30 | साइप्रस | 4.37 | -3 | -0.4% | 10.4% |
31 | चिली | 4.33 | 4 | 1.4% | 9.2% |
32 | आइसलैंड | 4.32 | -10 | -3.4% | 9.0% |
33 | चेक गणराज्य | 4.31 | -2 | 0.3% | 8.8% |
34 | माल्टा | 4.30 | 4 | 1.1% | 8.4% |
35 | मलेशिया | 4.28 | -7 | -2.2% | 7.9% |
36 | एस्टोनिया | 4.28 | 4 | 0.7% | 7.8% |
37 | हंगरी | 4.27 | 5 | 1.7% | 7.7% |
38 | मेक्सिको | 4.26 | -6 | -0.6% | 7.4% |
39 | भारत | 4.25 | -10 | -2.1% | 7.1% |
40 | बुल्गारिया | 4.25 | -1 | 0.0% | 7.1% |
41 | सऊदी अरब | 4.23 | 9 | 5.7% | 6.7% |
42 | स्लोवेनिया | 4.22 | -9 | -1.2% | 6.4% |
43 | रोमानिया | 4.19 | 2 | 0.8% | 5.7% |
44 | लिथुआनिया | 4.17 | 4 | 1.4% | 5.2% |
45 | जॉर्जिया | 4.14 | 4 | 1.0% | 4.4% |
46 | क्रोएशिया | 4.13 | -2 | -0.7% | 4.3% |
47 | थाईलैंड | 4.12 | -6 | -2.5% | 3.9% |
48 | इज़राइल | 4.10 | -5 | -1.6% | 3.4% |
49 | अर्जेंटीना | 4.10 | -2 | -0.6% | 3.4% |
50 | कोलंबिया | 4.08 | 6 | 2.3% | 3.0% |
51 | कोस्टा रिका | 4.08 | 4 | 2.2% | 2.9% |
52 | कज़ाखस्तान | 4.07 | 6 | 3.7% | 2.6% |
53 | कतर | 4.02 | -7 | -3.3% | 1.3% |
54 | स्लोवाक गणराज्य | 4.00 | -2 | -0.2% | 0.8% |
55 | दक्षिण अफ्रीका | 3.99 | 7 | 3.4% | 0.7% |
56 | अज़रबैजान | 3.98 | -5 | -0.6% | 0.3% |
57 | मॉरीशस | 3.98 | -4 | -0.7% | 0.3% |
58 | बहरीन | 3.96 | 3 | 2.1% | -0.1% |
59 | वियतनाम | 3.96 | 4 | 3.2% | -0.2% |
60 | मोंटेनेग्रो | 3.96 | -1 | 0.9% | -0.2% |
Travel & Tourism Development Index 2024 मैं भारत का स्कोर –
भारत ने 2024 Travel & Tourism Development Index में 39वां स्थान प्राप्त किया है, जो दक्षिण एशिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन है। भारत का कुल स्कोर 4.25 है। यह निम्नलिखित क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करता है:
- मूल्य प्रतिस्पर्धात्मकता: विश्व में 18वां स्थान
- हवाई परिवहन प्रतिस्पर्धा: 26वां स्थान
- जमीनी और बंदरगाह बुनियादी ढांचा: 25वां स्थान
भारत प्राकृतिक संसाधनों में 6वें, सांस्कृतिक संसाधनों में 9वें, और गैर-अवकाश संसाधनों में भी 9वें स्थान पर रहा। यह सभी संसाधन स्तंभों में शीर्ष-10 रैंकिंग हासिल करने वाले तीन देशों में से एक है
विश्व आर्थिक मंच (WEF): परिचय
विश्व आर्थिक मंच एक गैर-लाभकारी अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंक है जिसे सार्वजनिक-निजी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 1971 में जर्मनी के क्लॉस श्वाब द्वारा स्थापित किया गया था। डब्ल्यूईएफ के अनुसार, यह एक ऐसा मंच है जो सरकारी, गैर-सरकारी, व्यवसाय, शिक्षाविदों और अन्य हितधारकों को एक साथ लाता है और वैश्विक मुद्दों का सर्वमान्य समाधान ढूंढता है। डब्ल्यूईएफ का मुख्यालय कोलोनी, स्विट्जरलैंड में है।
विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा जारी की जाने वाली एक द्विवार्षिक रिपोर्ट है। पहला सूचकांक 2022 में जारी किया गया था। इससे पहले, WEF 2007 से द्विवार्षिक रूप से यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक प्रकाशित करता था, जिसे अब यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक से बदल दिया गया है।
यह सूचकांक उन कारकों और नीतियों के समूह को बेंचमार्क और मापता है जो यात्रा और पर्यटन क्षेत्र के सतत और लचीले विकास को सक्षम बनाता है और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 2024 का यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक इंग्लैंड के सरे विश्वविद्यालय के सहयोग से तैयार किया गया था और इसमें 119 देशों को शामिल किया गया है।
डब्ल्यूईएफ द्वारा जारी रिपोर्टें
एक शोध संगठन के रूप में डब्ल्यूईएफ कई रिपोर्टें जारी करता है, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण रिपोर्टें इस प्रकार हैं:
- वैश्विक लिंग अंतर रिपोर्ट
- वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता रिपोर्ट
- ऊर्जा संक्रमण सूचकांक
- वैश्विक यात्रा और पर्यटन रिपोर्ट
- वैश्विक आईटी रिपोर्ट (आईएनएसईएडी और कॉर्नेल विश्वविद्यालय के सहयोग से)
निष्कर्ष: Travel & Tourism Development Index
भारत में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन की गिरावट एक गंभीर चिंता का विषय है। नागरिक भावना की कमी, सुरक्षा संबंधी चिंताएं, प्रतिकूल लागत-से-सेवा अनुपात और अप्रभावी विपणन रणनीतियां कुछ ऐसे प्रमुख कारण हैं जिनकी वजह से विदेशी पर्यटक भारत आने से कतरा रहे हैं।
जबकि घरेलू पर्यटन बढ़ रहा है, अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की कमी से देश की अर्थव्यवस्था और छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। भारत को अपनी पर्यटन नीतियों और कार्यान्वयन पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है ताकि अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को विश्व स्तर पर प्रभावी ढंग से बढ़ावा दिया जा सके और पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित और सुखद अनुभव सुनिश्चित किया जा सके।