Top 10 Biggest Scams of India: वो सबसे बड़े घोटाले जिनके बारे में जानकर दिमाग चकरा जाएगा।
भारत में घोटाले ऐसे हैं, जैसे कोई आम चोरी मसलन अगर देश के हर छोटे-बड़े scam की रिपोर्ट की जाए तो आप रोजाना चाय के साथ एक scam की खबर पढ़ सकते हैं, अब आप में से कुछ लोग शायद यह भी बोल सकते हैं कि घोटाला छोटा या बड़ा नहीं होता बस घोटाला होता है पर मेरे दोस्त घोटाला छोटा बड़ा होता है और हमारे देश के लोगों ने यह दिखाया
Top 10 Biggest Scams of India:
1- हर्षद मेहता सिक्योरिटीज घोटाला (1992):
जैसे हर्षद मेहता ने 10,000 करोड़ का घोटाला किया था, नीरव मोदी ने 11400 करोड़ का घोटाला किया था और एक घोटाला तो लगभग 2 अरब का हुआ था, यह रकम कितनी बनती है आप उसी मुझे कमेंट में बता दो यह किसने किया है वह में आगे बताऊंगा सिर्फ यही नहीं आज हम आपको भारत के सबसे बड़े घोटालों के बारे में बताने वाले हैं लास्ट तक बने रहना चलिए शुरू करते हैं
2- स्टाम्प पेपर घोटाला अब्दुल करीम तेलगी 1990-2000
Stamp घोटाला, इस लिस्ट में सबसे पहले ही सातवें नंबर पर है यह एक समय देश का सबसे चर्चित घोटाले मैं से एक था। इस घोटाले का मास्टरमाइंड था अब्दुल करीम तेलगी,तेलगी ने नकली स्टांप पेपर छपवाकर साढे तीन सौ लोगों के नेटवर्क के जरिए 16 राज्यों में फर्जी स्टांप पेपर बेचने का धंधा किया। 1990 से 2001 तक तेलगी ने अलग-अलग राज्यों में करीब 20 हजार करोड़ रूपए के फर्जी स्टांपपेपर बीच डाले। 2001 में उसकी गिरफ्तारी के बाद इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश हुआ, 2006 में कोर्ट ने तेलगी को 30 साल की सजा और 202 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। हालाँकि 2017 में तेलगी की मौत हो गई और 2019 में नासिक की एक कोर्ट ने सबूतों के अभाव में तेलगी की समेत आठ आरोपियों को बरी कर दिया।
3- NSE CO-Location Scam 2015(नेशनल स्टॉक एक्सचेंज)
इस नंबर 6 NSE CO-Location Scam, NSC यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसी जगह है जहां आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर सकते हैं घोटाले बाजों ने इसे भी नहीं छोड़ा, शेयर मार्किट में सारा खेल share के प्राइस का होता है यह कब ऊपर जाएगा और कब नीचे आएगा यह कोई नहीं जानता लेकिन जरा सोचिए अगरआपको पहले से ही पता चल जाए किस शेयर का रेट बढ़ने वाला है और किसका गिरने वाला है तो क्या होगा जाहिर सी बात है आपको कुछ ही दिनों वे करोड़पति बनने से कोई नहीं रोक सकता। बिल्कुल ऐसा ही हुआ है इस स्कैम में शेयर मार्केट की कुछ खास ब्रोकर्स ने NSG के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से एक्सचेंज के सर्वर में सेंध लगाकर स्टॉक मार्केट खुलने से पहले ही किसी भी शेयर का रेट पता कर लेते थे। जिस कारण पूरे मार्केट पर उनका सिक्का चलने लगा
2010 से 2014 तक चले इस खेल में brokers ने करीब 50 हजार करोड़ रुपए की अवैध कमाई कि इस पूरे खेल में सिर्फ NSG अधिकारी ही नहीं बल्कि कुछ नेता भी शामिल थे, 2014 में केंद्र में सरकार बदलने के बाद जनवरी 2015 में इस पूरे षडयंत्र का पर्दाफाश हुआ और इस घोटाले की आंच UPA सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम तक भी पहुंची और दिखावे के लिए कुछ अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया हालांकि इस घोटाले की अभी भी सेबी,CBI और इनकम टैक्स द्वारा जांच चल रही है।
4- Odisha Industrial Land Mortgage Scam
नंबर 5 Odisha Industrial Land Mortgage Scam ओडिशा इंडस्ट्रियल लैंड वॉटर जिसका है 2014 में ओड़िशा में इंडस्ट्रियल लैंड स्कैम ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया था, हर राज्य सरकार अपने स्टेट में रोजगार पैदा करने के लिए कंपनियों को इंवाइट करतीं हैं और उन्हें कौड़ियों के भाव जमीन आवंटित करती है। क़रीब 52424 रुपए के घोटाले में ओड़िशा की इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन यानी (IDCO) ने कंपनियों को बैंक से कर्ज लेने के लिए ऐसी ही जमीन का NOC यानि नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट दे दिया। ओड़ीशा सरकार द्वारा गिफ्ट या lease पर मिली जमीन की एनओसी मिलते ही कंपनियों ने इस जमीन को अपना बताते हुए इसका प्रयोग बैंकों से कर्ज लेने की दौड़ पर किया 2014 में आई कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल यानी CAG की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि IDCO ने 106 कंपनियों को 46,732 एकड़ की जमीन का पजेशन दे दिया जबकि IDCO के पास इस तरह की कोई पावर नहीं थी फिलहाल इस मामले में अभी भी जांच चल रही है
5- ओडीशा इलीगल माइनिंग स्कैम (Odisha Illegal Mineing Scam)
अगला बड़ा स्कैम भारत के गरीब राज्यों में से एक उड़ीसा में हुआ है 2010 में हुए इस घोटाले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए करीब एक दशक तक ओडिशा में अवैध माइनिंग का धंधा जोरों पर था कई बड़ी कंपनियों नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत से कई माइनिंग कंपनियों ने 2000 से 2010 में ओडिशा में 22.80 टन की लौह और मैग्नीज अयस्क की माइनिंग की और उसका उपयोग अपने फायदे के लिए किया जिस कारण ओडिशा सरकार को करीब 59,203 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ इस घोटाले की जांच के लिए कमीशन भी बैठाई गई लेकिन जांच रिपोर्ट आने के बाद भी इस मामले में अभी तक ज्यादा कार्रवाई नहीं हुई है
6– 2G स्पेक्ट्रम घोटाला (2008):
2G Spectrum Scam: 2010 के सामने आया 2G स्पेक्ट्रम घोटाला उस वक्त देश का सबसे बड़ा घोटाला था, CAG की रिपोर्ट के अनुसार 2008 में 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई थी। CAG ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में बताया था कि स्पेक्ट्रम के बंटवारे की से मिले रुपए और नीलामी के लिए प्रस्तावित राशि के बीच का अंतर 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपए यानी 1.76 Trillion था, इस पूरे घोटाले में तत्कालीन UPA सरकार में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री A. Raja और कनिमोझी और वित्त मंत्री P चिदंबरम पर आरोप लगे थे। जिससे A राजा और कनिमोझी को जेल भी जाना पड़ा था इन दोनों पर आरोप था कि इन्होंने पहले आओ पहले पाओ के आधार पर अपनी पसंदीदा कंपनियों को नए रेट के बजाय 2001 में तह किये गए रेट के आधार पर स्पेक्ट्रम दिए थे। जिससे सरकारी खजाने को 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा था हालांकि बाद में दूसरे दलों की तरह इस घोटाले के आरोपियों को भी कोर्ट ने 2017 में बरी कर दिया था।
7 कोलगेट घोटाला: भारत के ऊर्जा क्षेत्र का बड़ा घोटाला
कोयला आवंटन घोटाला या कोलगेट घोटाला पॉलिटिकल स्कैंडल है जो 2012 में सामने आया था जब UPA सरकार सत्ता में थी, इस घोटाले को कैग द्वारा नोटिस में लाया गया था जब उन्होंने सरकार पर 2004 और 2009 के बीच अवैध रूप से 194 कोयला ब्लॉक आवंटित करने का आरोप लगाया था यह उन घोटालों से एक है जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था क्योंकि इसमें कई ब्यूरोक्रेट्स और नेता शामिल थे। हालाँकि CAG ने शुरू में 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक नुकसान का अनुमान लगाया था लेकिन अंतिम रिपोर्ट में घोटाले की राशि 1 लाख 86 हजार करोड़ बताई गई थी
8– वक्फ बोर्ड जमीन घोटाला (2012):
वक़्फ़ बोर्ड भूमि घोटाला: सभी scam को पछाड़ते हुए कर्नाटक का Wakf Board Land Scam देश का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला बन चुका है 2012 में कर्नाटक अल्पसंख्यक आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष अनवर मध्यवर्ती ने इस घोटाले का खुलासा करते हुए बताया कि सन 2000 – 2011 के बीच में कई बड़े राजनेताओं के साथ ही कई वक्फ बोर्ड के मेंबर्स वक्त अधिकारी दलाल तथा भूमाफिया ने मिलकर वक्फ बोर्ड की 22 हजार संपत्तियों पर कब्जा करके उसे निजी लोगों और संस्थाओं को बेच दिया था। जिसमें वक्फ बोर्ड की 27000 एकड़ की जमीन भी शामिल थी। इससे कर्नाटक सरकार को करीब 2 लाख करोड़ रुपए या 2 Trillion रूपए का नुकसान उठाना पड़ा था हालांकि इस मामले में अभी जांच जारी है आपको क्या लगता है अगर यह घोटाले नहीं होते तो देश आज कहां होता हमें कमेंट में बताएं
9– कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला (2010):
Commonwealth Games Scam 2010 (कॉमनवेल्थ खेल घोटाला) – रुपये 70000 करोड़, 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। आरोप था कि खेलों के लिए जारी किए गए बजट में से आधा धन गबन कर लिया गया था। इस घोटाले का आंकड़ा 70 हजार करोड़ रुपये के आसपास बताया जाता है।
10– पंजाब नेशनल बैंक घोटाला (2018): 13,000 करोड़ रुपये का गबन
- 2018 में, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले का खुलासा हुआ जिसमें 13,000 करोड़ रुपये का गबन किया गया था।
- मुख्य आरोपी, नीरव मोदी, एक हीरा व्यापारी था, जिसके गहनों की दुकानें “नीरव मोदी” और “मोदी आर्ट” के नाम से थीं।
- मोदी ने पीएनबी से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) और लेटर ऑफ क्रेडिट (LCs) प्राप्त किए, जिसके आधार पर उसने विदेशी बैंकों से ऋण प्राप्त किया।
- पीएनबी के कुछ कर्मचारियों ने मोदी को LoUs और LCs जारी करने में मदद की, जिसके लिए उन्हें रिश्वत दी गई थी।