The Dream Calculator: AI जो बता सकता है आपकी मृत्यु कब होगी ?

The Dream Calculator

AI जो बता सकता है आपकी मृत्यु कब होगी?

हाल ही में, एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल The Dream Calculator ने चर्चा का केंद्र बन गया है। यह AI मॉडल दावा करता है कि यह 75% मामलों में किसी व्यक्ति की मृत्यु का अनुमान सही लगा सकता है। यह रिसर्च डेनमार्क और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने मिलकर की है, और इसका विवरण Nature Computational Science नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। आइए जानते हैं इस AI मॉडल के बारे में विस्तार से।


AI मॉडल The Dream Calculator क्या है?

यह AI एक खास एल्गोरिथ्म का उपयोग करता है, जिसे मानव जीवन की घटनाओं और डाटा से प्रशिक्षित किया गया है। इसमें उम्र, स्वास्थ्य, जॉब, इनकम और 6 लाख से अधिक लोगों के डाटा का इस्तेमाल किया गया है। इस मॉडल को Technical University of Denmark के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है।

AI कैसे काम करता है?

  • डाटा आधारित विश्लेषण: यह मॉडल लोगों की व्यक्तिगत जानकारी जैसे उम्र, स्वास्थ्य की स्थिति, और उनके करियर से संबंधित विवरण का उपयोग करता है।
  • पारिवारिक इतिहास और जीवनशैली: व्यक्ति की जीवनशैली और उनके परिवार के इतिहास का भी अध्ययन किया जाता है।
  • 75% सटीकता: यह मॉडल दावा करता है कि यह अगले चार वर्षों में होने वाली मृत्यु का 75% सटीक अनुमान लगा सकता है।

शोध में क्या बताया गया है?

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह AI मानव जीवन की घटनाओं को एक बड़े डेटा सेट के रूप में देखता है। प्रोफेसर सून लेहमन, जो डेनमार्क के Technical University के नेटवर्क और जटिलता विज्ञान विभाग के प्रोफेसर हैं, ने बताया कि यह AI मॉडल मानव जीवन के हर पहलू को जोड़कर भविष्यवाणी करता है।

उनके अनुसार, यह मॉडल इतना सक्षम है कि यह हमारे जीवन में घटने वाली छोटी से छोटी घटनाओं का विश्लेषण कर सकता है। यह शोध Boston के नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी और अन्य वैश्विक संस्थानों के सहयोग से किया गया।


क्या यह AI भरोसेमंद है?

हालांकि, यह मॉडल 75% सटीकता के दावे के साथ सामने आया है, लेकिन इसे पूरी तरह भरोसेमंद नहीं माना जा सकता। विशेषज्ञों का कहना है कि यह AI सिर्फ अनुमान लगाता है, न कि इसे अंतिम सत्य के रूप में देखा जाना चाहिए।


निष्कर्ष

AI मॉडल जैसे The Dream Calculator तकनीक की दुनिया में एक बड़ा कदम है। हालांकि यह मानव जीवन का अनुमान लगाने में मदद कर सकता है, लेकिन इसे केवल एक सहायक उपकरण के रूप में देखा जाना चाहिए। तकनीक का सही उपयोग जीवन को बेहतर बनाने के लिए होना चाहिए, न कि डर फैलाने के लिए।

 

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