Site icon Mr Reaction Wala

Sunita Williams की 9 महीने बाद वापसी: करंट अफेयर्स 2025

Sunita Williams Ki Wapsi - Crew-9 Mission

Crew-9 mission

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 9 महीने और 13 दिन यानी 286 दिनों के बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक पृथ्वी पर वापस लौट आई हैं। उनके साथ तीन अन्य एस्ट्रोनॉट्स – बैरी ई विलमोर, निक हेग और अलेक्जेंडर गोरबुनो भी ISS से वापस आए हैं। इस मिशन के तहत उन्हें स्पेसX क्रू-10 कैप्सूल से फ्लोरिडा के तट पर सुरक्षित उतारा गया।

सुनीता और बैरी विलमोर 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से 8 दिन के मिशन पर गए थे, लेकिन हीलियम लीक और थ्रस्टर की खराबी के कारण वे आईएसएस पर फंस गए। उनकी वापसी क्रू-9 मिशन के तहत हुई।

यह खबर आपके लिए बेहद खास और ट्रेंडिंग है, खासकर अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इस ब्लॉग में हम सुनीता विलियम्स की वापसी, उनके मिशन, और एग्जाम से जुड़े सभी जरूरी सवालों को कवर करेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं!

Sunita Williams की वापसी का पूरा मिशन –

  • कब लौटीं?: भारतीय समयानुसार 19 मार्च 2025 को सुबह 3:27 बजे सुनीता विलियम्स धरती पर लौटीं।
  • कितने दिन अंतरिक्ष में?: 286 दिन (9 महीने और 13 दिन)।
  • कौन-कौन साथ था?: सुनीता के साथ बैरी ई. विलमोर (नासा), निक हेग (नासा), और अलेक्जेंडर गोरबुनोव (रॉसकॉस्मोस) भी लौटे।
  • कैसे लौटीं?: स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन फ्रीडम कैप्सूल के जरिए, जो फ्लोरिडा के तट पर समुद्र में सुरक्षित उतरा।

Sunita Williams और क्रू-9 मिशन की पूरी कहानी

सुनीता और उनकी टीम ने स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल से फ्लोरिडा के तट पर लैंडिंग की। यह मिशन नासा के वाणिज्यिक क्रू प्रोग्राम का हिस्सा था, जिसे स्पेसएक्स द्वारा संचालित किया गया। क्रू-9 को यूएससीवी-9 के नाम से भी जाना जाता है। यह मिशन अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाने में सफल रहा।

  • लॉन्च डेट: 28 सितंबर 2024 को स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन फ्रीडम अंतरिक्ष यान लॉन्च हुआ।
  • डॉकिंग: 29 सितंबर 2024 को आईएसएस पर डॉक हुआ।
  • मिशन अवधि: 171 दिन, 4 घंटे, 39 मिनट।
  • कंपनी: स्पेसएक्स (एलन मस्क की कंपनी)।
  • अंतरिक्ष यान: क्रू ड्रैगन फ्रीडम
  • उद्देश्य: नासा के वाणिज्यिक क्रू प्रोग्राम के तहत आईएसएस तक चालक दल पहुंचाना।

बोइंग स्टारलाइनर बनाम स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन: क्या हुआ?

सुनीता और बुच विलमोर को बोइंग के स्टारलाइनर यान में तकनीकी खराबी (हीलियम रिसाव और थ्रस्टर विफलता) के कारण ISS पर अधिक समय बिताना पड़ा। उनकी वापसी स्पेसएक्स कैप्सूल से संभव हो सकी।

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री, सुनीता विलियम्स कौन हैं?

अंतरिक्ष में सबसे लंबा समय बिताने वाली महिला

सुनीता ने कुल 286 दिन अंतरिक्ष में बिताए हैं, जो उन्हें सबसे लंबे समय तक ISS में रहने वाली महिला वैज्ञानिकों में तीसरे स्थान पर रखता है। सुनीता, कल्पना चावला के बाद नासा से अंतरिक्ष जाने वाली दूसरी भारतीय मूल की महिला हैं।

सुनीता विलियम्स का जीवन परिचय

  • पूरा नाम: सुनीता लिन विलियम्स।
  • जन्म: 19 सितंबर 1965, यूक्लिड, अमेरिका।
  • पैतृक गांव: झूलासन, गुजरात
  • भारतीय कनेक्शन: गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक, पिता दीपक पांड्या गुजराती मूल के।
  • नासा में शामिल: 1998।
  • रिकॉर्ड: अंतरिक्ष में 286 दिन बिताने वाली तीसरी महिला वैज्ञानिक।
  • प्रमुख उपलब्धियां: तीन बार अंतरिक्ष यात्रा कर चुकी हैं।  पहली बार 2006 में STS-116 मिशन के तहत उड़ान भरी। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कमांडर बनने वाली पहली महिला भारतीय।

स्पेस वॉक का नया रिकॉर्ड

सुनीता ने कुल 62 घंटे और 6 मिनट तक स्पेस वॉक किया है, जो एक महिला द्वारा सबसे ज्यादा है। उन्होंने पैगी विटसन के पुराने रिकॉर्ड (60 घंटे, 21 मिनट) को तोड़ा।

नासा में योगदान

1998 में नासा से जुड़ने वाली सुनीता कल्पना चावला के बाद दूसरी भारतीय मूल की महिला हैं जिन्होंने अंतरिक्ष यात्रा की।

ISS (International Space Station) क्या है?

आईएसएस (ISS) अंतरिक्ष में सबसे बड़ा मानव निर्मित स्टेशन है, जो पृथ्वी से लगभग 400 किलोमीटर ऊपर परिक्रमा करता है। इसे NASA, Roscosmos, ESA, JAXA और CSA के सहयोग से बनाया गया है।

🔹 लॉन्च वर्ष: 1998
🔹 मुख्य उपयोग: अंतरिक्ष अनुसंधान और परीक्षण प्रयोग

क्रू-9 और क्रू-10 मिशन में क्या अंतर है?

क्रू-9 मिशन क्रू-10 मिशन
लॉन्च: 28 सितंबर 2024 लॉन्च: 14 मार्च 2025
वापसी: 19 मार्च 2025 अभी ISS पर मौजूद
यान: क्रू ड्रैगन फ्रीडम यान: क्रू ड्रैगन एंड्यूरेंस

Sunita Williams: परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

निष्कर्ष: Sunita Williams

सुनीता विलियम्स का यह मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह भारतीयों के लिए गर्व का क्षण भी है। उनका समर्पण और उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।

Exit mobile version