Shalaka Samman List: 2024 शलाका सम्मान हिंदी साहित्य का सर्वोच्च सम्मान
परिचय: शलाका सम्मान क्या है
शलाका सम्मान हिंदी अकादमी द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है। यह सम्मान हिंदी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले साहित्यकारों को प्रदान किया जाता है। इस सम्मान का मुख्य उद्देश्य हिंदी साहित्य को प्रोत्साहित करना और उभरते हुए लेखकों को प्रेरित करना है। इस लेख में, हम शलाका सम्मान की स्थापना, इसका महत्व, अब तक के विजेताओं की सूची, और हालिया विजेताओं पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
शलाका सम्मान की स्थापना कब हुई?
शलाका सम्मान की स्थापना वर्ष 1986-87 में की गई थी। इस सम्मान का प्रथम विजेता डॉ. रामविलास शर्मा थे, जिन्होंने हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है। प्रारंभिक वर्षों में, शलाका सम्मान के साथ 1,11,111 रुपये की धनराशि, प्रशस्ति-पत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किए जाते थे। वर्ष 2007 से इस सम्मान राशि को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया और वर्तमान में यह राशि 5 लाख रुपये है।
शलाका सम्मान का उद्देश्य और महत्व
उद्देश्य: शलाका सम्मान का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा और साहित्य के विकास को प्रोत्साहित करना है। यह सम्मान उन साहित्यकारों को दिया जाता है जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाए हैं।
महत्व: शलाका सम्मान हिंदी साहित्य का सर्वोच्च सम्मान है और इसे प्राप्त करना किसी भी साहित्यकार के लिए गर्व की बात होती है। यह सम्मान साहित्यकार की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है और उनकी रचनात्मकता को मान्यता देता है। साथ ही, यह नए और उभरते हुए लेखकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है।
शलाका सम्मान के तत्व
- पुरस्कार राशि: शलाका सम्मान के तहत साहित्यकार को 5 लाख रुपये की नकद राशि प्रदान की जाती है।
- प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न: सम्मानित साहित्यकार को एक प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न भी प्रदान किया जाता है, जो उनके योगदान की मान्यता के रूप में दिया जाता है।
शलाका सम्मान विजेताओं की सूची 2024
शलाका सम्मान list in Hindi
- डॉ. रामविलास शर्मा (1986-87)
- श्री विष्णु प्रभाकर (1987-88)
- श्री गिरिजा कुमार माथुर (1988-89)
- श्री त्रिलोचन शास्त्री (1989-90)
- प्रो. नामवर सिंह (1990-91)
- प्रो. विजयेन्द्र स्नातक (1994-95)
- डॉ. नरेन्द्र कोहली (1995-96)
- श्री कृष्ण चंद्र शर्मा ‘भिक्खु‘ (1996-97)
- श्री निर्मल वर्मा (1997-98), ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार।
- श्री गोपाल प्रसाद व्यास (1998-99)
- श्री भीष्म साहनी (1999-2000)
- श्री कृष्णा सोबती (2000-2001), 2017 में 53th ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।
- डॉ. रामदरश मिश्र (2001-02)
- श्री कमलेश्वर (2002-03)
- श्री राजेन्द्र यादव (2003-04)
- श्री नेमिचन्द्र जैन (2004-05)
- श्री कुँवर नारायण (2005-06)
- श्रीमती मन्नू भंडारी (2006-07)
- श्री प्रभाष जोशी (2007-08)
- श्री केदारनाथ सिंह (2009-10) – जिन्होंने यह सम्मान ठुकरा दिया।
- श्री अरविंद कुमार (2010-11)
- डॉ. असगर वज़ाहत (2015-16)
- डॉ. मैनेजर पाण्डेय (2016-17)
- श्री जावेद अख़्तर (2017-18)
- डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी (2018-19)
- श्री कृपाशंकर मिश्र (2021)
- श्री चित्रा मुद्गल (2022)
हिंदी अकादमी द्वारा प्रदान किए जाने वाले सम्मान और पुरस्कार
हिंदी अकादमी, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद, और गाजियाबाद में रहने वाले साहित्यकारों, लेखकों, पत्रकारों, कवियों, हिंदी सेवियों आदि को उनके जीवन भर के उत्कृष्ट योगदान के लिए विभिन्न सम्मान प्रदान करती है। ये सम्मान हिंदी भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार में उनके महत्वपूर्ण योगदान की मान्यता के रूप में दिए जाते हैं।
नीचे हिंदी अकादमी द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रमुख सम्मानों की सूची दी गई है:
1. हिंदी अकादमी शलाका सम्मान
- सम्मान राशि: ₹5,00,000
2. हिंदी अकादमी दिल्ली शिखर सम्मान
(विशिष्ट सृजनात्मक योगदान के लिए)
- सम्मान राशि: ₹2,00,000
3. संतोष कोली स्मृति सम्मान
(हिंदी सेवी महिला के लिए)
- सम्मान राशि: ₹2,00,000
4. हिंदी अकादमी विशिष्ट योगदान सम्मान
- सम्मान राशि: ₹1,00,000
5. हिंदी अकादमी काव्य सम्मान
- सम्मान राशि: ₹1,00,000
6. हिंदी अकादमी गद्य विधा सम्मान
- सम्मान राशि: ₹1,00,000
7. हिंदी अकादमी जय ज्ञान प्रौद्योगिकी सम्मान
- सम्मान राशि: ₹1,00,000
8. हिंदी अकादमी बाल साहित्य सम्मान
- सम्मान राशि: ₹1,00,000
9. हिंदी अकादमी नाटक सम्मान
- सम्मान राशि: ₹1,00,000
10. हिंदी अकादमी हास्य व्यंग्य सम्मान
- सम्मान राशि: ₹1,00,000
11. हिंदी अकादमी अनुवाद सम्मान
(इतर भाषाओं में हिंदी अनुवाद के लिए)
- सम्मान राशि: ₹1,00,000
12. हिंदी अकादमी पत्रकारिता सम्मान
(इलेक्ट्रॉनिक मीडिया)
- सम्मान राशि: ₹1,00,000
13. हिंदी अकादमी पत्रकारिता सम्मान
(प्रिंट मीडिया)
- सम्मान राशि: ₹1,00,000
14. हिंदी अकादमी हिंदी सेवा सम्मान
- सम्मान राशि: ₹1,00,000
15. हिंदी सहभाषा सम्मान
(बुंदेलखंडी, बृजभाषा, हिमाचली, राजस्थानी)
- सम्मान राशि: ₹1,00,000
Shalaka puraskar: सम्मान की अनुशंसा और चयन प्रक्रिया
प्रत्येक सम्मान के लिए अनुशंसा अकादमी की कार्यकारिणी या तदर्थ बनी समिति द्वारा की जाती है। सम्मान के लिए वरिष्ठ साहित्यकार, लेखक, कवि और अन्य उपयुक्त व्यक्तियों के नाम अकादमी को भेजे जा सकते हैं। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सभी सम्मान प्राप्तकर्ता उनके योगदान के अनुरूप मान्यता प्राप्त करें।
हालिया Shalaka puraskar सम्मान समारोह
2017-18 शलाका सम्मान: वर्ष 2017-18 का शलाका सम्मान सुप्रसिद्ध कवि और शायर जावेद अख्तर को प्रदान किया गया। इस सम्मान के तहत उन्हें 5 लाख रुपये की नकद राशि, प्रशस्ति-पत्र, ताम्रपत्र और शॉल भेंट किया गया। यह समारोह दिल्ली के मंडी हाउस स्थित कमानी सभागार में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष विष्णु खरे उपस्थित थे।
जावेद अख्तर का भाषण: समारोह में जावेद अख्तर ने भाषा का महत्व बताते हुए कहा कि भाषा केवल लिपि और शब्दावली नहीं है, बल्कि व्याकरण और वाक्य संरचना का भी महत्व है। उन्होंने हिंदी और उर्दू को मिलाकर हिन्दुस्तानी भाषा को अपनाने की अपील की और सुझाव दिया कि पाठ्यक्रम में ‘हिन्दुस्तानी’ नाम के एक विषय को शामिल किया जाना चाहिए, ताकि भाषाई अंतर को समाप्त किया जा सके।
जावेद अख्तर का जीवन परिचय
प्रारंभिक जीवन: जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था। वे प्रसिद्ध उर्दू कवि और गीतकार जान निसार अख्तर के पुत्र हैं। जावेद अख्तर की शिक्षा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हुई, जहां उन्होंने उर्दू साहित्य और भारतीय संस्कृति का गहन अध्ययन किया।
करियर की शुरुआत: जावेद अख्तर ने अपने करियर की शुरुआत मुंबई में पटकथा लेखन से की। उनके करियर की पहली बड़ी सफलता 1971 में आई फिल्म “अंदाज” थी, जिसमें उन्होंने सलीम खान के साथ मिलकर पटकथा लिखी। सलीम-जावेद की जोड़ी ने बॉलीवुड में कई हिट फिल्में दीं, जिनमें “शोले”, “दीवार”, “जंजीर” और “डॉन” जैसी फिल्मों के नाम शामिल हैं।
जावेद अख्तर का साहित्यिक योगदान
कविताएँ और शायरी: जावेद अख्तर की कविताएँ और शायरी उनकी गहरी सोच और भावनात्मक गहराई को प्रकट करती हैं। उनकी रचनाएँ सामाजिक मुद्दों, प्रेम, और मानवता पर आधारित होती हैं। उनकी प्रसिद्ध कविताओं में “वक्त”, “खुदा की अजमत”, और “लम्हा-लम्हा किसी जादू का फ़साना होगा” शामिल हैं।
गीत लेखन: जावेद अख्तर ने कई हिट बॉलीवुड गानों के लिए गीत लिखे हैं। उनके गीतों में सरलता और गहराई का अद्भुत संगम होता है। “एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा”, “तुमको देखा तो ये ख्याल आया”, और “कल हो ना हो” जैसे गीत उनके उत्कृष्ट लेखन का उदाहरण हैं।
शलाका सम्मान का भविष्य
हिंदी अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने वाले शलाका सम्मान समारोह का उद्देश्य हिंदी साहित्य को प्रोत्साहित करना और उसकी महत्ता को बढ़ावा देना है। यह सम्मान न केवल साहित्यकारों को मान्यता देता है, बल्कि समाज में साहित्य की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बनाता है।
निष्कर्ष: Shalaka Samman
शलाका सम्मान हिंदी साहित्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित पुरस्कार है। यह उन साहित्यकारों को सम्मानित करता है जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से साहित्य को समृद्ध किया है। हिंदी अकादमी के इस सम्मान से हिंदी साहित्य के विकास को नई दिशा मिलती है और साहित्यकारों को अपनी रचनात्मकता को और भी प्रोत्साहित करने का अवसर मिलता है। शलाका सम्मान का महत्व और इसकी प्रतिष्ठा हिंदी साहित्य को एक नई ऊँचाई प्रदान करती है।