GI Tag 2025 Products List: Read Now

2023-24 GI Tag Products in India: GI टैग उत्पादों की सूची

GI Tag: भारत के अलग-अलग राज्यों में पारंपरिक शिल्प, कृषि उत्पाद और कला की अनेक विधाएं हैं, जो सालों से हमारी संस्कृति की पहचान रही हैं। इन्हीं पारंपरिक चीजों को कानूनी मान्यता देने और उनकी विशिष्टता को बनाए रखने के लिए दिया जाता है GI टैग — यानी Geographical Indication Tag

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2025 में भारत के कई नए उत्पादों को GI टैग मिला है, जो न सिर्फ उनके गुणवत्ता मानक को दर्शाता है, बल्कि उन क्षेत्रों की आर्थिक और सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करता है।

What is a GI Tag?

भारत के अलग-अलग राज्यों में पारंपरिक शिल्प, कृषि उत्पाद और कला की अनेक विधाएं हैं, जो सालों से हमारी संस्कृति की पहचान रही हैं। इन्हीं पारंपरिक चीजों को कानूनी मान्यता देने और उनकी विशिष्टता को बनाए रखने के लिए दिया जाता है GI टैग — यानी Geographical Indication Tag

2025 में भारत के कई नए उत्पादों को GI टैग मिला है, जो न सिर्फ उनके गुणवत्ता मानक को दर्शाता है, बल्कि उन क्षेत्रों की आर्थिक और सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करता है।

GI टैग भारत में कब लागू हुआ?

  • भारत में “Geographical Indications of Goods (Registration and Protection) Act” संसद में 1999 में पास हुआ था।
  • यह कानून 15 सितंबर 2003 से लागू हुआ।
  • एक GI टैग की वैधता 10 वर्षों के लिए होती है।

GI टैग का पंजीकरण भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा किया जाता है।

 GI टैग के फायदे क्या हैं?

  1. प्रामाणिकता की गारंटी: यह सुनिश्चित करता है कि कोई उत्पाद सिर्फ उसी इलाके में बनता है और उसकी गुणवत्ता तय मानकों पर आधारित है।
  2. सांस्कृतिक संरक्षण: GI टैग पारंपरिक हस्तशिल्प, कारीगरी और कृषि तकनीकों को संरक्षित करता है।
  3. रोज़गार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: स्थानीय उत्पादों की मांग बढ़ने से शिल्पकारों और किसानों को सीधा लाभ होता है।
  4. अंतरराष्ट्रीय पहचान: GI टैग वाले उत्पादों की वैश्विक बाज़ार में अधिक मांग होती है, जिससे भारत को एक अलग पहचान मिलती है।

GI Tag 2025 Products List:-

वर्षउत्पादराज्य/स्थानश्रेणी
2025कुम्भकोणम वेट्रिलाई (पान पत्ता)तमिलनाडु (तंजावुर)कृषि
2025थोवलै मणिक्का माला (फूल माला)तमिलनाडु (कन्याकुमारी)हस्तशिल्प
2025विलो बैटजम्मू-कश्मीरहस्तशिल्प
2025शहद आई बनासगुजरातखाद्य/कृषि
2025घरचोला साड़ीगुजरातवस्त्र
2025रिंडिया (हैंडलूम उत्पाद)मेघालयवस्त्र
2025माजुली मास्कअसमहस्तशिल्प
2025बोडो दोखनाअसमवस्त्र
2025बोडो अरनईअसमवस्त्र
2025दूधनाथ चावलउत्तर प्रदेशकृषि
2025गंगाथ घाट का पानउत्तर प्रदेशकृषि/खाद्य
2025नागरी दुबराज चावलछत्तीसगढ़कृषि
2025बस्तर डोकराछत्तीसगढ़हस्तशिल्प
2025खमरी बकरी बाँसुरीअरुणाचल प्रदेशहस्तशिल्प
2025काला नुनिया चावलपश्चिम बंगालकृषि
2025कदोदोंग हल्दीमेघालयकृषि
2025आंड्रोनी मिश्मी वस्त्रअरुणाचल प्रदेशवस्त्र
2025फेणीगोवाखाद्य/पेय
2025अगसेची वैगिमी (बैंगन)गोवाकृषि
2025करेन मुसली चावलअंडमान-निकोबारकृषि

GI Tag 2024-2023 Products List

वर्षउत्पाद का नामराज्य
2024पश्मीना ऊनलद्दाख
2024अजरख प्रिंटगुजरात
2024सांझी क्राफ्टमथुरा (उत्तर प्रदेश)
2024जनजातीय पोशाक 'रिगनाई पचरा'त्रिपुरा
2024बांसुरीपीलीभीत (उत्तर प्रदेश)
2024गोंड पेंटिंगमध्य प्रदेश
2024तिरंगा बर्फीवाराणसी (उत्तर प्रदेश)
2024मांजुलि मुखौटे एवं पांडुलिपि पेंटिंगअसम
2024आदिवासी पोशाक 'रिसा'त्रिपुरा
2024सिल्वर फिलिग्री (तारकशी)ओडिशा
2024ढेंकनाल माजी (मिठाई)ओडिशा
2024मोनपा हैंडमेड कागजअरुणाचल प्रदेश
2024वांचो शिल्पअरुणाचल प्रदेश
2024आदि अपोंग, गैलो वस्त्र, मारूआ अपोअरुणाचल प्रदेश
2024न्यीशी वस्त्र, अंगन्यात मिलेटअरुणाचल प्रदेश
2024कादियाल, तांगेल, गारद साड़ीपश्चिम बंगाल
2024कलोनुनिया चावलपश्चिम बंगाल
2024सी बकथॉर्न फललद्दाख
2024कच्ची खरीक (खजूर)गुजरात
2023अमरोहा ढोलकउत्तर प्रदेश
2023संभल हॉर्न क्राफ्टउत्तर प्रदेश
2023जलेसर धातु शिल्पउत्तर प्रदेश
2023गंगा घाट का पानउत्तर प्रदेश
2023अवध की चिकनकारीउत्तर प्रदेश
2023कुम्हार खादीउत्तर प्रदेश
2023याक चुरपीअरुणाचल प्रदेश
2023खामती चावलअरुणाचल प्रदेश
2023तांगसा वस्त्रअरुणाचल प्रदेश
2023काजू, बेबिन्का, मानकुराद आमगोवा
2023सलेम सागोतमिलनाडु
2023कन्याकुमारी मैटी केलातमिलनाडु
2023ऊटी वर्की, जदेरी नामकट्टीतमिलनाडु
2023चेदीबूटा साड़ी, नेगामम साड़ीतमिलनाडु
2023मायलाडी पत्थर नक्काशीतमिलनाडु
2023बीकानेर की उस्ता कला शिल्पराजस्थान
2023उदयपुर कोफ्तगिरी धातु शिल्पराजस्थान
2023जोधपुर की बंदेज कलाराजस्थान
2023लकड़ोंग हल्दीमेघालय
2023लारनाई मिट्टी के बर्तनमेघालय
2023गारो डकमांडा, गारो चुबिचीमेघालय
2023केन्द्रपाड़ा रसबली मिठाईओडिशा
2023रायगड़ा शॉलओडिशा
2023कोरापुट काला जीरा चावलओडिशा

GI टैग Q फॉर Exam

  1. भारत में पहला जीआई टैग, वर्ष 2004 को दार्जिलिंग चाय के लिए दिया गया था।
  2. जुलाई 2025 तक कौन सा राज्य सर्वाधिक जीआई टैग उत्पादों के साथ पहले स्थान पर है? – उत्तर प्रदेश। ( 77 भौगोलिक संकेतक टैग, जिसने तमिलनाडु को पीछे छोड़ दिया, वाराणसी के काशी क्षेत्र को 32 जीआई टैग उत्पाद प्राप्त है)
  3.  सबसे अधिक GI टैग एक दिन में पाने वाला राज्य: उत्तराखंड (18 GI टैग)

Conclusion:

GI टैग न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हैं, बल्कि उनकी विशिष्टता को भी प्रमाणित करते हैं।

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