2023-24 GI Tag Products in India: A Complete Overview
Introduction: GI Tag Products in India
भारत में भौगोलिक संकेतक (GI Tag) किसी भी क्षेत्र, वस्तु या उत्पाद को उसकी अनूठी पहचान देने का कार्य करते हैं। हाल ही में 2023 और 2024 में कई राज्यों के उत्पादों को GI टैग मिला है, जो राज्य और उनके उत्पादों की गुणवत्ता और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं। अगर आप SSC, UPSC, या अन्य सरकारी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो यह जानकारी Current Affairs की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।
List of 2023-24 GI Tag Products: GI टैग उत्पादों की सूची
State | Year | GI Tags |
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Gujarat | 2024 | अजरख प्रिंट, कच्ची खरीक (खजूर) |
Older | पश्मीना ऊन | |
Uttar Pradesh | 2024 | बांसुरी (पीलीभीत), तिरंगा बर्फी (वाराणसी), बेसन के लड्डू (हनुमान गढ़ी) |
2023 | अमरोहा ढोलक, संभल हॉर्न क्राफ्ट, जलेसर धातु शिल्प, सलेम सागो (साबुदाना का एक प्रकार), चिकनकारी कढ़ाई, गंगा घाट का पान, अवध की चिकनकारी, कुम्हार खादी | |
Tripura | 2024 | जनजातीय पोशाक 'रिगनाई पचरा', आदिवासी पोशाक 'रिसा' |
Madhya Pradesh | 2024 | गोंड पेंटिंग |
Assam | 2024 | मांजूलि मुखौटे एवं पाण्डुलिपि पेंटिंग |
2023 | चोकुआ चावल | |
Odisha | 2024 | सिल्वर फिलिग्री (चांदी तारकशी), ढेंकनाल माजी (मिठाई), रेड आंट चटनी, डोंगरिया कोंध शॉल, लॉजिया साओरा पेंटिंग, खजुरी गड़, सिमिलीपाल काई चटनी, ढेंकनाल मगजी, नयागढ़ कांतिमुंडी बैगन |
2023 | केन्द्रपाड़ा की रसबली मिठाई, रायगड़ा शॉल, कोरापुट काला जीरा चावल | |
West Bengal | 2024 | कादियाल साड़ी, तांगेल साड़ी, गारद साड़ी, कलोनुनिया चावल |
Jammu and Kashmir | 2023 | रामवन अनारदाना, किश्तवार जिले का केसर |
Ladakh | 2024 | पश्मीना ऊन, सी बकथॉर्न फल |
Uttarakhand | 2023 | बेरीनाग चाय |
Arunachal Pradesh | 2024 | मोनपा हैंडमेड कागज, वांचो शिल्प, आदि अपोंग, गैलो वस्त्र, मारूआ अपो, न्यीशी वस्त्र, अंगन्यात मिलेट |
2023 | याक चुरपी, खामती चावल, तांगसा वस्त्र | |
Goa | 2023 | काजू, बेबिन्का, मानकुराद आम |
Tamil Nadu | 2023 | सलेम सागो (साबुदाना का एक प्रकार), कन्याकुमारी मैटी केला, ऊटी वर्की, जदेरी नामकट्टी, मार्तंडम शहद, चेदीबूटा साड़ी, शोलावंदन वेत्रिलई, नेगामम साड़ी, मायलाडी पत्थर नक्काशी |
Rajasthan | 2023 | उस्ता कला शिल्प (बीकानेर), कोफ्तगिरी धातु शिल्प (उदयपुर), बंदेज कला (जोधपुर) |
Meghalaya | 2023 | लकड़ोंग हल्दी, लारनाई मिट्टी के बर्तन, गारो डकमांडा, गारो चुबिची |
What is a GI Tag?
भौगोलिक संकेत टैग एक विशेष मान्यता है जो एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले उत्पादों की सुरक्षा करता है, प्रामाणिकता सुनिश्चित करता है और वैश्विक स्तर पर क्षेत्रीय उत्पादों को बढ़ावा देता है।
GI टैग का महत्व (Important for Current Affairs)
- संस्कृति का संरक्षण: पारंपरिक उत्पादों और शिल्प को संरक्षित करता है।
- आर्थिक वृद्धि: स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर प्रदान करता है।
- वैश्विक पहचान: भारतीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता है।
Conclusion: GI टैग उत्पादों की सूची
GI टैग न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हैं, बल्कि उनकी विशिष्टता को भी प्रमाणित करते हैं।
2023-24 में GI टैग प्राप्त उत्पाद भारत की सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं को दर्शाते हैं। लद्दाख की पशमीना ऊन से लेकर गुजरात के कच्छी खजूर तक, ये उत्पाद अपने क्षेत्रों की अनूठी पहचान को दर्शाते हैं।
GI टैग के माध्यम से पारंपरिक शिल्प का संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना संभव हो सका है। यह जानकारी Current Affairs की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है।