History of Saudi Arabia: इस्लाम के आने से पहले कैसा था सऊदी अरब?
सऊदी अरब नाम सुनते ही जहन में सबसे पहले क्या आता है, मक्का और मदीना के पवित्र स्थल, शानदार सड़कों पर फर्राटा दौड़ती सोने से जड़ी कारें, वहां का मशहूर फुटबॉल क्लब अल हिलाल, HFC या पालतू कुत्ते की तरह तेंदुए को टहला शेख।
लेकिन क्या आप जानते हैं, इस्लाम से पहले का सऊदी अरब कैसा था? आइए, हम आपको लेकर चलते हैं एक रोमांचक सफर पर जहां जानेंगे रेगिस्तान के बीच बसी जनजातियों, प्राचीन साम्राज्यों और सऊदी राजशाही की नींव की कहानी।
सऊदी अरब से जुड़े कुछ आंकड़ों पर गौर कर लेते हैं:-
- जैसे सऊदी अरब की कुल आबादी करीब 3 करोड़ 60 लाख है।
- अधिकारिक भाषा अरबी है
- राजधानी रियाद है, जो कि सबसे बड़ा शहर भी है|
- सऊदी में 93% लोग इस्लाम को मानते हैं, अधिकतर सुन्नी है 4% ईसाई को मानते है, बाकी बचे 3% अन्य धर्मों के लोग हैं|
सऊदी अरब का क्षेत्रफल और सीमाएं:
- सबसे पहले नक्शा देखते हैं सऊदी अरब वेस्ट एशिया के मुहाने पर बसा है।
- क्षेत्रफल के लिहाज से वेस्ट एशिया का सबसे बड़ा देश है।
- पश्चिमी किनारे पर लाल सागर है।
- लाल सागर के उस पार से शुरू हो जाता है अफ्रीका।
- सऊदी अरब की सीमा आठ देशों से लगती है जॉर्डन, इराक, कुवैत, बहरीन, कतर, यूएई, ओमान और यमन।
- जमीनी सीमा का विस्तार 42272 किमी है।
- जबकि, तटीय सीमा 2640 किमी लंबी है।
हाउस ऑफ साऊथ और राजनीतिक परिवर्तन
इस देश की कहानी में पॉलिटिकल सिस्टम काफी दिलचस्प है।
- सऊदी अरब में राजतंत्र है,
- इसे चलाने वाली फैमिली को हाउस ऑफ साऊथ के नाम से जाना जाता है|
- शाही परिवार में 15000 से ज्यादा सदस्य हैं|
- इन सदस्यों का ताल्लुक पहले साउदी स्टेट के संस्थापक मोहम्मद बिन सऊद से है|
- सऊदी अरब में सबसे बड़ा पद राजा का है |
- उसके बाद क्राउन प्रिंस का नंबर आता है|
- क्राउन प्रिंस सऊदी अरब में अगले राजा बनते हैं|
- साउदी अरब की लीडरशिप हाउस ऑफ सऊद से ही आती है|
क्या है? हाउस ऑफ सऊद है?
यह शब्द उस राष्ट्र के शासक परिवार को संक्षेपित करता है, जिसे हाउस ऑफ साऊद कहा जाता है। इस गहरे परिवार में, जिसकी शुरुआत आधुनिक सऊदी राज्य के संस्थापक मोहम्मद बिन सौद से होती है, देश की राजनीतिक कार्यों पर बड़ा प्रभाव होता है। इसलिए इसे हाउस ऑफ साऊथ कहते हैं|
सऊदी अरब: रेगिस्तान में बसे अनदेखे रूप की देश की कहानी
अरब में दो हिस्से थे हिजाज और नजद, हिजाज में मक्का, मदीना और जेधा जैसे शहर आते हैं। वहीं नजद के इलाके में रियाद जैसे शहर आते हैं। सऊदी अरब के इतिहास में पीछे जाएं तो, यहां ज्यादातर लोग रेगिस्तान में रहते थे| उन्हें बद्दू कहते थे, बद्दू समुदाय के लोग कई गुटों में बटे हुए थे। ईसा के बाद लगभग तीसरी शताब्दी में बद्दू जनजाति में एक परिवर्तन हुआ| यह लोग एकजुट हुए और उनकी ताकत में इजाफा हुआ, इसके बाद इन्होंने सैन्य मुहिम चलानी शुरू की, बाकायदा पांचवीं शताब्दी आते-आते इतने ताकतवर हो गए कि, इन्होंने सीरिया, फिलिस्तीन, जेरूसलम पर हमले भी किए।
सऊदी अरब धर्मानुयायी बदलाव:
फिर जब इस्लाम का उदय हुआ इस इलाके पर मुस्लिम खलीफाहों का कब्जा हो गया| शुरुआत में मक्का और मदीना से इस्लामिक खिलाफत का शासन चलता था| लेकिन खिलाफत खत्म होने के बाद इस्लामिक साम्राज्य का केंद्र दमिश्क और बगदाद जैसे शहरों में शिफ्ट हो गया। इस्लामिक खलीफाहों के बाद अरब पर मिस्र और ऑटोमन साम्राज्य ने शासन किया| साल 1557 में हिजाज पर तुर्कों का नियंत्रण हुआ| तुर्कों के सुल्तान सलीम ने खुद को मक्का का रक्षक कहा| बल्कि अरब का दूसरा इलाका नजद आजाद रहा।
सऊदी राजशाही परिवार का इतिहास सरल भाषा में
सऊद खानदान का आरंभ: सऊद खानदान का उत्थान 18वीं सदी में हुआ जब मोहम्मद बिन सौद ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष शुरू किया। उन्होंने दरिया क्षेत्र में अपना राज्य स्थापित किया।
विस्तार और संघर्ष: सऊद खानदान ने धीरे-धीरे दरिया नदी के क्षेत्र में अपना अधिकार बढ़ाया, लेकिन उन्हें अटोमनों के साथ संघर्ष का सामना करना पड़ा। अटोमनों ने 50000 सैनिकों को दरिया शहर भेजा खूब काटमार हुई| पूरे शहर को तहस-नहस कर कर दिया गया। जीते हुए इलाके के अमीर अब्दुल्लाह बिन सऊद को इस्तानबुल लाया गया। जहां सबके सामने उनका सर धर से अलग कर दिया गया
अब्दुल अजीज बिन मोहम्मद और सऊदी राज्य की स्थापना:
अब्दुलअजीज, अब्दुल रहमान के बेटे, ने अटोमन सेना से बचकर नया राज्य स्थापित किया, फिर साल 1902 में अब्दुल अजज ने रशीदिया पर पूरी तरह फतह हासिल कर ली पूरी तरह कब्जा होने के बाद अब्दुल अजज ने अपने राज्य को मजबूत करना शुरू किया| जिसकी राजधानी रियाद थी। उन्होंने राज्य को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सऊदी अरब मैं तेल की खोज और अंतरराष्ट्रीय संबंध
1938 में एक महत्वपूर्ण तेल की खोज ने सऊदी अरब के भाग्य को बदल दिया, जिससे अमेरिका के साथ एक साझेदारी बनी। अमेरिका ने मिलकर अरब अमेरिकन ऑयल कंपनी राम को बनाई 1947 आते-आते इसका प्रोडक्शन 4 लाख बैरल प्रति दिन तक पहुंच गया था।
आंतरिक संघर्ष: फैसल का सत्ता पर अधिग्रहण और राजनीतिक क्रांति
साल 1953 में किंग अब्दुल अज़ीज की मृत्यु के बाद, उनके बेटे अब्दुल अज़ीज ने राजशाही संभाली। इनका भाई, प्रिंस फैसल, भी सियासी रूप से अवश्यक था। फैसल ने अपनी ताकत को बढ़ाते हुए धार्मिक गुरुओं के समर्थन से सत्ता पर कब्जा किया। उन्होंने अरब देशों में राजशाही को बढ़ावा देने का काम किया और यमन में इजिप्ट के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर की शुरुआत की। किंग फैसल के अब्दुल अजीज के निर्वासन से उन्हें नासिर के खिलाफ नाराजगी थी। 1975 में अमेरिका से वापस आते समय, उनके भतीजे ने उन पर गोली मार दी, जिससे उन्हें सऊदी में फांसी हो गई।
इतिहास के बाद: साऊदी अरब के नए राजा
उस हमले के बाद, सऊदी अरब में बड़ा संघर्ष हुआ। इसके परिणामस्वरूप, खालिद बिन अब्दुल अज़ीज अल सऊद, अब्दुल अजीज के नाती, नए राजा बने। वर्तमान में, सलमान बिन अब्दुल अज़ीज अल सऊद सऊदी अरब के राजा हैं। उनके पुत्र, मोहम्मद बिन सलमान, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस हैं, और क्राउन प्रिंस ही आमतौर पर अगले राजा बनते हैं।
सऊदी अरब का प्राचीन इतिहास: सऊद खानदान का वंशावली
- मोहम्मद बिन सौद (Mohammad bin Saud) – अटोमन साम्राज्य के शासकीय विस्तार में अटके अरब सूद नामक संघर्ष के दौरान, उन्होंने वहाँ की राजनीति को पुनः संगठित किया।
- अब्दुल अजीज बिन मोहम्मद (Abdul Aziz bin Mohammad) – सऊदी अरब के संस्थापक और पहले शहंशाह।
- सौद बिन अब्दुल अजीज (Saud bin Abdul Aziz) – सऊदी अरब के दूसरे शहंशाह, 1953 से 1964 तक।
- फैसल बिन अब्दुल अजीज (Faisal bin Abdul Aziz) – 1964 से 1975 तक सऊदी अरब के शहंशाह, जिनकी हत्या 1975 में हुई।
- खालिद बिन अब्दुल अजीज (Khalid bin Abdul Aziz) – सऊदी अरब के तीसरे शहंशाह, 1975 से 1982 तक।
- फहद बिन अब्दुल अजीज (Fahd bin Abdul Aziz) – चौथे शहंशाह और नए राजा, 1982 से 2005 तक।
- अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अजीज (Abdullah bin Abdul Aziz) – पांचवे शहंशाह और राजा, 2005 से 2015 तक।
- सलमान बिन अब्दुल अजीज (Salman bin Abdul Aziz) – सऊदी अरब के सातवें और वर्तमान शहंशाह, 2015 से अब तक,
- मोहम्मद बिन सलमान: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस हैं, और क्राउन प्रिंस ही आमतौर पर अगले राजा बनते हैं। मोहम्मद बिन सलमान का जन्म 31 अगस्त 1985 को हुआ था। वे सऊदी अरब के राजा सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद के पुत्र हैं। मोहम्मद बिन सलमान ने शिक्षा की उच्च स्तरीय ग्रहण किया है और उन्होंने अपनी कार्यक्षमता को तेजी से बढ़ाया है।
Conclusion: History of Saudi Arabia
सऊदी अरब का इतिहास केवल इस्लाम और तेल तक सीमित नहीं है। यह एक ऐसा देश है जिसने रेगिस्तान के संघर्षपूर्ण जीवन से लेकर आधुनिकता और समृद्धि तक का लंबा सफर तय किया है। हाउस ऑफ सऊद का योगदान और इस्लाम से पहले की जनजातियों की कहानी सऊदी अरब के गौरवशाली इतिहास को जीवंत बनाती है।