इज़राइल को नयी चुनौतियाँ: इरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने लिया कमान, Iran के ने लगाई लताड़
इजराइल जिस तरह से हमास के खिलाफ गाजा में सैन्य अभियान और तेज करने की फिराक में उसको लेकर अब इजराइल घिरने लगा है अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडर ने तो साफ तौर पर इजराइल को चेतावनी दी है कि अगर वह राफा इलाके में आक्रामक सैन्य अभियान करता है तो उसे किसी भी सूरत में अमेरिक की समर्थन नहीं मिलेगा।
दूसरी तरफ इजराइल के खिलाफ एक माहौल यह भी बन गया है यह पूरी तरह से मनमानी पर उतारू है, दरअसल हमास ने युद्ध विराम को स्वीकार कर लिया है उसके बाद भी इजराइल उस पर हमले जारी रखे हुए हैं इजराइल के इस बरताव पर ईरान ने भी प्रतिक्रिया दी है।
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने मंगलवार को एक इंटरव्यू में कहा कि हमास द्वारा सीज फायर यानी युद्ध विराम को स्वीकार करने के बाद भी इजराइली शासन अपराध जारी रखे हुए हैं उन्होंने कहा कि ऐसा करना इजराइल और उसके समर्थकों के लिए शर्म और अपमान की बात है।
रायसी ने यह भी कहा कि समस्याओं से निपटने के लिए बातचीत जारी रखने के साथ-साथ ईरान के पास रक्षा के लिए मिसाइलें होना भी जरूरी है उन्होंने कहा कि ईरान ने हाल ही में इजराइली शासन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में ऑपरेशन टू प्रॉमिस शुरू किया था जिससे संकेत मिलता हैकि इस्लामिक गणराज्य किसी भी शत्रुता पूर्ण कार्रवाई का ताकत के साथ जवाब देने के लिए तैयार है।
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने यह भी कहा कि ईरान कभी भी बातचीत से पीछे नहीं हटा है और हमेशा अपना तार्किक रुख व्यक्त किया है इस दौरान रायसी ने अमेरिका और यूरोप पर निशाना साधते हुए कहा ये लोग बार-बार अपने वादों से मुकर गए हैं रायसी से जब यह पूछा गया कि क्या मिसाइलें ही देश की समस्याओं का समाधान है या फिर बातचीत या दोनों को मिलाकर समाधान निकलेगा इस पर उन्होंने कहा कि हमने कई बार इस बात पर जोर दिया है कि ईरान उन सभी देशों से गर्म जोशी से हाथ मिलाता है जो हमारे साथ मित्रता पूर्ण संबंध चाहते हैं।
लेकिन कुछ देशों ने बीते 45 वर्षों से हमेशा ईरान फोबिया को बढ़ावा दिया है इजराइल के खिलाफ अमेरिकी और ईरानी प्रतिक्रियाओं ने कई तरह की शंकाओं को भी जन्म दिया है क्योंकि अभी तक इजराइल ने गाजा में जितनी भी आक्रामकता की है वह सब अमेरिका के समर्थन से ही हुआ है और अचानक अमेरिका को गाजा के लोगों का दर्द महसूस होने लगा दूसरी बात कि इजराइल हमास जंग में अमेरिका और ईरान आमने सामने भले ही नहीं थे लेकिन इजराइल के जरिए अमेरिका तो हमास के जरिए ईरान अप्रत्यक्ष रूप से इस जंग को लड़ रहे थे|