देशद्रोह का झूठा आरोप: 6 साल बाद कोर्ट का फैसला, निर्दोष घोषित हुए 17 लोग
फर्ज कीजिए कि आप पर एक मुकदमा लगा दिया जाए और मुकदमा ऐसा वैसा नहीं देशद्रोह, आप पर देशद्रोही का आरोप लगाया जाए कि आपने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे और आते जाते हर कोई ताना मारे कि यह देशद्रोही है उसके परिवार,वालों को ताना सुनने को मिले कि इन्होंने देशद्रोह का काम किया है और इस तरीके के झंझा तों में परिवार के दो लोगों की जान चली जाए और फिर 6 साल बाद कोर्ट से फैसला आए कि साहब यह लोग तो निर्दोष है यह केस बेबुनियाद था और ये सारे दावे जो पुलिस की तरफ से किए गए यह सरासर गलत थे क्या होगा फर्ज कीजिए।
जो खौफ मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के रहने वाले 17 आरोपियों के दिलो दिमाग में छाई हुई है उनके परिवार वालों पर कहानी क्या है।
अज्ञात देशद्रोही
उस दिन सुबह 11 बजे मैं स्कूल बच्चे को छोड़ने के लिए जा रहा था और दो पुलिस वाले आए और मेरे को पीछे से पकड़ लिया उन्होंने बोले कहा जा रहा मैं बोले स्कूल बच्चे को छोड़ने के लिए जा रहा है तो उन्होंने वो लड़की को देखा नहीं कि इसको स्कूल में मैंने बोला कि इसको छोड़ने तो दो छोड़ने नहीं दिया मेरे को हाता प प आ ग मेरे दो तीन ंडे पै पे मार दिया उन्होंने और बच्चे को मेरे को मजबूरन फेंकना पड़ा फेंक के मेरे को गाड़ी में बैठा दिया उन्होंने गाड़ी में बैठा गाड़ी में मारा और शप ठाना लेके जाके हा पर मारा और केस बनाया सीधा खंडवा भेज दिया।
32 साल के इमाम तड़वी है मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रहते हैं इंदौर से तकरीबन 180 किमी दूर इनका आरोप है कि 19 जून 2017 के दिन पुलिस ने इन्हें बहुत मारा आरोप लगाते हैं कि अपनी बच्ची को बचाने के लिए इमाम को उसे अलग फेंकना पड़ा बात अगर एक कथित मारपीट पर खत्म हो जाती तो भी ठीक था लेकिन यह तो बस शुरुआत थी।
अभी तो इमाम के सिर आतंकवादी होने का तमगा लगना बाकी था, इमाम पर देशद्रोह का आरोप लगना बाकी था, उसका जेल जाना बाकी था, इमाम का कहना है कि पुलिस उसे थाने ले गई वहां पर भी मारा थाने में चाय देने वाला भी इमाम को गालियां देता है उसे आतंकवादी कहता tha के पैसे ठने में जो भी आ रहा है वो गाली दे रहा है मार रहा है ऐसे चाय पानी देने वाले भी आके गाली मु परर देख के जाते साले आतंकवादी बोले ऐसे है।
यह हाल सिर्फ एक इमाम का नहीं हुआ इस कतार में 16 और लोग थे, दो तो नाबालिक थे मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक की पुलिस में नौकरी लगने वाली थी लेकिन वर्दी पहनने का उसका jo सपना था 19 जून 2017 को महज एक सपना बनकर रह गया।
6 साल की लंबी जिरह और कानूनी लड़ाई के बाद पता चला कि in लोगों ने कुछ किया ही नहीं था जज साहब ने सभी को बाइज्जत बरी कर दिया हालांकि 6 साल देशद्रोह के आरोप के चलते इज्जत कुछ खास बची नहीं देशद्रोह के आरोप के तले जिंदगी तप कर रह गई।
बुरहानपुर के लोगों का कहना है कि एक ने तो अपनी जान दे दी इनमें से एक के पिता ने अपने बेटे के जेल जाने का जो सदमा था उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ उन्होंने भी अपने प्राण त्याग दिए।
जस साहब ने इन सभी को बरी किया था लेकिन ye लोग पुलिस और प्रशासन को शायद कभी बरी ना कर पाए अपने मन में सवाल यह है कि आखिर इन 17 लोगों ने ऐसा क्या किया था कि चंद पलों में उन्हें देशद्रोही घोषित कर दिया गया उन्हें जेल भेजा गया मुकदमा चलता रहा 6 साल तक।
इस मामले पर विस्तार से बात करते है, खबर है की मध्य प्रदेश पावर लूम इंडस्ट्री का हब है, बुरहानपुर तकरीबन 4000 लोगों की आबादी वाला इलाका हर कोई आपसी सौहाद के साथ रहता लेकिन 18 जून 2017 की रात सब कुछ बदल गया आईसी चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट का फाइनल मैच था अगर आपको याद हो इंडिया vs पाकिस्तान मैच।
कोर्ट के आदेश के मुताबिक एक अफवाह उड़ी मोहद शाहपुर गांव के लोग इंडिया के पांचवें विकेट गिरने पर जश्न मना रहे हैं पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं लोग मिठाइयां बांट रहे हैं अफवाह उड़ते उड़ते शाहपुर थाने पहुंची अगले दिन पुलिस ने शक के बिना पर 17 लोगों की गिरफ्तारी की आरोप है कि जो जहां जिस हालत में मिला उसे वैसे ही गिरफ्तार किया गया।
प्रत्यक्ष दर्शिका कहना है कि पुलिस लोगों पर लाठियां बरसा रही थी लोग समझ नहीं पा रहे थे आखिर उनका गुनाह क्या है गिरफ्तार हुए लोगों पर देशद्रोह की धारा गाव में मुकदमा दर्ज हुआ।
60 साल के रमजान बताते हैं कि तीन चार लोग आए और मुझे गाड़ी में भर लिया वो गंदी गंदी गाली दे रहे थे उन्होंने बहुत मारा बहुत हालत खराब कर दी।
और उसके बाद क्या कहा यह भी आपको सुनना चाहिए 4 बजे की बात है रविवार का दिन था चार चार या पाच बज रहे थे और तीन चार लोग आए मेरे को गा घर प आया गाली गलस किया और कुछ मेरे खा स्तान किया बहुत हालत खराब की मेरे वाली और उसके बाद में बोले इसको उठाओ बोले गाली में डालो बोले चलो साले को गाली गलू कि बहुत नंगे नंगे गाली किया मेरे को साथ।
देशद्रोह के अदालती खेल
52 साल की रब्बा नबी बताती है कि पुलिस को जो जहां मिला उसे वहीं से उठाकर गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया, वे बोले हम तो क्रिकेट के बारे में बहुत ज्यादा जानते नहीं थे। बेटे की गिरफ्तारी हुई तो सदमे में उनके पति की मौत हो गई।
विनाशकारी आरोप
इन सभी का कहना है कि ये तो क्रिकेट के बारे में जानते तक नहीं थे देखने की तो दूर की बात है लेकिन खैर क्रिकेट तो कोई भी देख सकता है लेकिन पुलिस ने।
इन सभी को अदालत ने बतौर मुजरिम कटघरे में खड़ा किया तकरीबन 15-20 दिन तक सभी को जेल में रहना पड़ा 6 साल मुकदमा चला और अगर आपको याद हो तो उस दौर में टीवी चैनलों पर बहस हुई और टीवी चैनलों के कई एंकरों ने इन लोगों को देशद्रोही घोषित कर दिया कहा पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे हैं।
जो लोग हर दिन दिहाड़ी मजदूरी से घर चलाते थे उन्हें 6 साल किस तरीके से केस लड़ा होगा इसका अंदाजा आप खुद लगा लीजिए 6 साल वह देशद्रोही का ठप्पा लेकर वे कैसे घर से निकलते होंगे लोग कैसे किन नजरों से उन्हें देखते होंगे यह आप खुद सोच लीजिए।
9 अक्टूबर 2023 को जस्टिस देवेश मिश्रा ने इस केस का फैसला सुनाया सभी 16 लोगों को बाइज्जत बरी किया, एक की पहले ही मृत्यु हो चुकी थी इन 6 सालों में दो लोगों की जान गई एक तो वो जो इन 17 आरोपियों में शामिल था दूसरा एक आरोपी के पिता जिसके बेटे के सिर पर देशो का इल्जाम लगाया गया दो नाबालिक जो गिरफ्तारी के दौरान स्कूल में थे अब मजदूरी कर रहे हैं एक जो पुलिस की वर्दी पहनने वाला था वह अब काम की तलाश में निकलता है पूरे दिन पसीना बहाने के बाद उसे दो आटे की रोटी के लिए ₹ 300 दिहाड़ी मिल जाए वही बहुत है
इस केस में लोगों के लिए जिरा करने वाले वकील क्या बताया यह भी आपको जानना चाहिए।
2017 में केस बना था शाहपुर थाने से उस वक्त के वहां के जो थाना प्रभार थे मिस्टर पाठक इन्होंने ये जानबूझ करके केस बनाया था। जिससे किसी राजनीतिक पार्टी की वावइ लूटने के लिए मिले।
कोर्ट ने ठहराया केस बेबुनियाद
उसने ऐसा किया की यहां पर धार्मिक माहौल बने जिससे चुनाव के अंदर किसी राजनीतिक पार्टी को फायदा पहुंचे इसलिए झूठा केस बनाया था। 15-16 लोगों के ऊपर देशद्रोह की धारा लगा दी गई थी और उन्होंने यह आरोप लगाया था कि इन लोगों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए
और ऐसा कह के उन्हें देशद्रोही और आतंकवादी उसमें डाल दिया था और बहुत ही वातावरण खराब कर दिया था बहुत ऊंची हाई लेवल की जांच जब हम लोगों ने करवाई तो उसके अंदर यह पाया गया कि पुलिस ने जल बाजी में और राजद्रोह देशद्रोह का झूठा मामला दर्ज कराया है।
6 साल बाद कोर्ट का फैसला
फिर उसके बाद चालान कोर्ट में पेश हुआ 5 साल तक केस चला अक्टूबर 2023 के अंदर सारे गवाहों के और सारे सबूतों को मद्देनजर रखा गया देखा गया, कोर्ट ने उसकी जांच की पूरा केस चला और केस में ये पाया गया कि इन्होंने ऐसा अपराध नहीं किया है और उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया
देशद्रोह का झूठ:
एक अफवा ने मजदूरी कर अपना घर चलाने वाले लोगों को देशद्रोही घोषित किया कुछ का बचपन छीना तो कुछ की जवानी बुरहानपुर के शाजापुर के में कोई क्रिकेट खेलता या देखता है इससे फर्क नहीं पड़ता फर्क इस बात से पड़ता है कि पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगा था या नहीं
बरहनपुर के 17 निर्दोषों को मिला इंसाफ
कोर्ट में ये साबित हुआ कि ऐसा कुछ नहीं था और कोई देशद्रोही नहीं है, चंद पुलिस वालों ने खुद को देशभक्त साबित करने के लिए 17 निर्देशों को देशद्रोही बनाने की कोशिश की। सरकार समय लेते संज्ञान लेती नहीं तो इतना बड़ा जो है मामला होता नहीं। कासिम, इमाम, अपवा और भीड़ तंत्र के इस तरीके से शिकार नहीं होते