95% मुस्लिम आबादी वाले ताजिकिस्तान में दाढ़ी और हिजाब पर बैन क्यों लगाया गया है?
ताजिकिस्तान में दाढ़ी और हिजाब पर बैन:
ताजिकिस्तान ने दाढ़ी और हिजाब क्यों किया बैन?
- ताजिकिस्तान सरकार को डर है कि अफगानिस्तान, इराक और सीरिया जैसी कट्टरपंथी विचारधारा उसके देश में ना आ जाए।
- ताजिकिस्तान अपने पड़ोसी अफगानिस्तान की हालत से डरा हुआ है और नहीं चाहता कि वहां जैसी तालिबानी मानसिकता उसके देश में भी फैल जाए।
- 2016 में ताजिकिस्तान के एक शहर में सरकार ने जबरन 13000 पुरुषों की दाढ़ी कटवा दी थी और हजारों लोगों को दाढ़ी रखने के जुर्म में जेल में डाल दिया गया था।
- हिजाब पर बैन लगाने के लिए सैकड़ों हिजाब की दुकानें भी बंद कर दी गई थीं।
ईरान में हिजाब को लेकर क्या विरोध हो रहा है?
ताजिकिस्तान की तरह ही ईरान में भी हिजाब को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
- इब्राहिम रईसी की मौत पर जश्न मनाने वाली ईरान की कई महिलाएं वे हैं जो हिजाब की अनिवार्यता से परेशान थीं।
- कुछ महीने पहले ही ईरान की हजारों महिलाओं ने हिजाब और ड्रेस कोड को लेकर ईरान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
- माशा अमीनी नाम की एक महिला जो हिजाब के खिलाफ लड़ रही थी, उसकी रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी।
- तभी से ईरान की कई महिलाएं इब्राहिम रईसी का विरोध कर रही थीं।
सऊदी अरब में क्या बदल रहा है?
ताजिकिस्तान और ईरान की घटनाओं से सीख लेते हुए सऊदी अरब भी बदल रहा है।
- सऊदी अरब ने कट्टरता को पीछे छोड़ना शुरू कर दिया है और वहां बिकिनी शो, शराब का ठेका और योग चैंपियनशिप जैसी चीजें हो रही हैं।
- सऊदी अरब ने अपनी महिलाओं को भी ज्यादा अधिकार देना शुरू कर दिया है।
संयुक्त अरब अमीरात में क्या हो रहा है?
संयुक्त अरब अमीरात भी तेजी से अपना देश बदल रहा है और उसे समावेशी बना रहा है।
- संयुक्त अरब अमीरात में भव्य हिंदू मंदिर खड़ा हो गया है।
निष्कर्ष:
ताजिकिस्तान, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात, ये सभी देश धार्मिक रीति-रिवाजों और सामाजिक परिवर्तनों से जूझ रहे हैं। इन देशों में महिलाओं की स्थिति, धार्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक समावेश जैसे मुद्दों पर बहस जारी है। यह देखना बाकी है कि इन देशों का भविष्य क्या होगा